गाण्ड प्रेमी एक और दूजा लण्ड प्रेमी

दो दोस्तो की गे सेक्स स्टोरी एक गाण्ड प्रेमी और दूजा लण्ड प्रेमी

यह कहानी दो दोस्तों की एक गाण्ड प्रेमी और दूजा लण्ड प्रेमी, राहुल और विनोद की है।
राहुल 5’8″, काले बाल और पतला पर तंदुरुस्त शरीर का है, विनोद भी उसी की कक्षा में है, विनोद 5’10”, काले बाल और तगड़ा लड़का है। विनोद स्कूल के अलावा बॉक्सिंग की कोचिंग लेता है।
विनोद और राहुल बचपन से दोस्त है, राहुल पढ़ाई में अच्छा है, राहुल विनोद को पढ़ाई में मदद करता है इसलिए राहुल कई बार विनोद के घर उसे पढ़ाने जाता है।

यह राहुल के लिए एक सामान्य दिन था, दो दिन बाद परीक्षा थी, राहुल विनोद के घर पढ़ाई करने आया था।

राहुल उसके घर गया और घंटी बजाई, विनोद ने 2-3 मिनट बाद दरवाजा खोला। तौलिया में लिपटा हुआ विनोद अभी ही स्नान समाप्त कर आया था। पानी की बूंदों उसके बदन से और बालों से टपक रही थी।
चौड़ी छाती, सटा हुआ पेट, मजबूत कंधे और पैर किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर दे।
बाकी बदन तौलिया के पीछे छिपा हुआ था।

राहुल ने विनोद को चिढ़ाते हुए कहा- क्या तुम अपने इस दुबले से लण्ड से लड़कियों को इंप्रेस कर पाओगे?

विनोद ने गुस्से में कहा- तूने मेरे लण्ड का असली रूप देखा ही कहाँ है। कोई भी लड़की मेरे लण्ड को देखे तो मदहोश हो जाए और लड़की के अंदर घुसे तो चीख निकल जाए।

राहुल और चिढ़ाकर बोला- ऐसा लण्ड केवल लड़कियों को गुदगुदी कर सकता है। इतने छोटे से लण्ड के साथ तो टट्टे भी नहीं होंगे। इसे देखकर तो लड़कियाँ घर भाग जाती होंगी।

राहुल विनोद का तौलिया खींचने लगा। थोड़ी खिंचा-खिंची के बाद राहुल ने तौलिया खींच लिया।

इससे विनोद को बहुत गुस्सा आया और राहुल को जोर से धक्का देते हुए तौलिया वापस खींच लिया।

धक्के की वजह से राहुल का संतुलन खो गया और वह लड़खड़ाया। उसी समय विनोद ने राहुल के लण्ड में जोरदार लात मारी।

राहुल दर्द से अपना लण्ड पकड़कर घुटनों के बल बैठ गया।

विनोद झट से राहुल के पीछे चला गया और उसके चेहरे पर तौलिया लपेटा और सिर के पीछे गांठ बांध दी।

राहुल अब कुछ देख नहीं पा रहा था, वो अब डर गया था और विनोद से माफी मांगने के बारे में सोचने लगा।
राहुल अपने दोनों हाथों से गांठ खोलने की कोशिश करने लगा।

तभी विनोद ने राहुल के पेट में 2 जोरदार घूंसे जड़ दिये।
राहुल को साँस लेना भी मुश्किल हो रहा था, वह अपना पेट पकड़कर बचाव करने की कोशिश करने लगा।

राहुल अभी कुछ कहता इससे पहले ही विनोद ने राहुल के बाल खींचकर उसे ऊपर उठाया, उसने विनोद के कंधों पर अपने हाथ रखे और दूर धकेलने की कोशिश की मगर विनोद ने पूरी ताकत से राहुल के लण्ड में अपना घुटना जड़ दिया।

राहुल अब पूरी तरह टूट चुका था, उसके पैरों में कमजोरी सी महसूस होने लगी और दर्द के मारे उसे चक्कर सा आ गया। वह सीधा विनोद की बाहों में गिर गया।

विनोद ने उसे पकड़ लिया और जोर से दीवार पर फेंक दिया।
राहुल दीवार से इतनी जोर से टकराया कि उसकी पीठ सुन्न हो गई।

कुछ देर बाद उसकी पीठ में बहुत दर्द महसूस होने लगा।

राहुल ने अब तौलिया हटाने की या विनोद से माफी मांगने के बारे में विचार करना छोड़ दिया था, अब वह खुद का बचाव करने की कोशिश करने लगा।

विनोद ने राहुल की गर्दन को दबोचा और उसे सोफ़े पर फेंक दिया, राहुल सोफ़े पर गिरा।

विनोद राहुल के जेब से रुमाल निकालने लगा। राहुल ने विनोद को लात मारने की कोशिश की लेकिन विनोद ने अपने घुटने राहुल की जांघों पर रखते हुए राहुल के वार को निष्प्रभ कर दिया।

अब राहुल विनोद को घूंसे मारने की कोशिश करने लगा।

विनोद ने राहुल के दोनों हाथ अपने एक हाथ से पकड़ लिए और दूसरे हाथ से रुमाल निकाला।

विनोद ने राहुल के हाथ रुमाल से पीछे बांध दिए। फ़िर विनोद ने एक हाथ से राहुल के बाल खींचे और उसका सिर छत की तरफ़ मोड़ा,दूसरे हाथ से राहुल को थप्पड़ मारना शुरू किया।

जैसे ही राहुल ने हिलना चालू किया विनोद ने अपने घुटने और जोर से राहुल की जांघों में जड़ दिए जिससे राहुल हिल नहीं पा रहा था। 5 मिनट तक विनोद थप्पड़ मारता रहा, फ़िर विनोद के हाथ राहुल के बेल्ट की तरफ़ बढ़े।
वह राहुल का बेल्ट और पैंट की जिप खोलने लगा।

राहुल इससे भयभीत हुआ और चिल्लाया- यह क्या कर रहा है??

विनोद ने उसे कसकर थप्पड़ मारा और बोला- यह तेरी सज़ा है साले, चुपचाप बैठ, नहीं तो और पिटाई करुँगा।

यह सुनकर राहुल चुपचाप बैठा। विनोद ने राहुल की पैंट उतारकर दूर फ़ेंक दी, अब राहुल सिर्फ़ शर्ट और अंडरवियर में रह गया था।विनोद ने तौलिया खोल दिया और भीतर चला गया।

कुछ देर बाद विनोद फ़िर हॉल में आया, उसके हाथ में एक अंडरवियर थी।
राहुल ने जैसे ही उठने की कोशिश की, विनोद ने उसे सोफ़े पर धकेल दिया।

राहुल माफी माँगने लगा- विनोद, मुझे माफ़ कर दो.. प्लीज…

इससे आगे राहुल कुछ कहे उससे पहले ही विनोद ने राहुल के मुँह में अंडरवियर ठूंस दिया। राहुल ने बोलने कोशिश की मगर कुछ बोल नही पाया।

वह अंडरवियर मैला था, इस वजह से राहुल को अंडरवियर से पसीने और मूत का स्वाद आ रहा था।

अब विनोद फ़िर से राहुल की जांघो पर घुटने रखकर बैठ गया और उसे प्यार से थप्पड़ मारने लगा।
राहुल रोने लगा तो विनोद ने चिढ़ाते हुए कहा- मेरा मज़ाक उड़ा कर बड़ा मर्द बन रहा था। अब लड़कियों की तरह रो रहा है।

राहुल ने अपनी आँखें बंद कर ली।
5 मिनट के बाद विनोद ने थप्पड़ मारना बंद कर दिया। धीरे धीरे राहुल आँखें खोलने लगा तो विनोद ने फ़िर से थप्पड़ मारना शुरू कर दिया।

ऐसे और 5 मिनट विनोद ने थप्पड़ मारे उसके बाद विनोद रुक गया और राहुल ने आँखें खोली।
विनोद ने कहा- तू मेरे लण्ड का मजाक उड़ा रहा था। देखें तो तेरा लण्ड कितना बड़ा है?

ऐसा कहकर विनोद ने राहुल के अंडरवियर में हाथ डाल दिया और अपनी दो उँगलियों से राहुल का लण्ड पकड़ा।

राहुल अपने पैर हिलाकर विनोद को गिराने की कोशिश करने लगा।

विनोद ने झट से अपनी उँगलियाँ राहुल के टट्टों पर रखी और कहा- हिलना बंद कर, नहीं तो मैं तेरे टट्टों को ऐसे मसल दूँगा कि वह कभी रस नहीं बना पाएँगे।

राहुल ने विनोद की बातों पर ध्यान नहीं दिया और पैर हिलाना जारी रखा।

विनोद ने राहुल के एक टट्टे को अपनी दो उँगलियों और अँगूठे के बीच पकड़ा और कसकर दबाया।
राहुल दर्द से कराह उठा और वह चुपचाप बैठ गया पर विनोद ने कोई दया नहीं की और राहुल के टट्टे पर और जोर डाला।

राहुल अब चिल्लाने लगा।

विनोद ने अपनी उँगलिया हटाई और अँगूठा हटाया और दूसरे टट्टे पर जड़ दिया।

अब विनोद राहुल के दूसरे टट्टे को भी कसकर दबा रहा था। राहुल दर्द के मारे रोने लगा लेकिन विनोद ने अपनी पकड़ बनाए रखी।

विनोद नीचे उतर गया और राहुल के अंडरवियर से हाथ निकाल लिया। उसने दोनों हाथों से राहुल के अंडरवियर को पकड़ा और जोर से खींच दी।
अब राहुल के बदन पर सिर्फ़ शर्ट रह गई, विनोद ने कहा- आज मैं तुझे अच्छा सबक़ सिखाने वाला हूँ।

विनोद अपने कमरे में चला गया और मोबाईल फोन लेकर आया, उसने राहुल की नंगी तस्वीरे खींची।
फ़िर विनोद ने राहुल को उठाकर उल्टा लेटा दिया।
सोफ़े के जिस भाग पर पीठ सटाकर बैठते हैं उस भाग पर राहुल का पेट आ गया और राहुल की पीठ विनोद की तरफ़ हो गई।

विनोद राहुल की पेंट की तरफ़ पहुँचा और उसमें से चमड़े का बेल्ट निकाल लिया और राहुल की गाण्ड पर भारी चमड़े की बेल्ट से हकले वार करना शुरू कर दिया।

राहुल ने उठकर भागने की कोशिश की पर विनोद ने राहुल को गर्दन से पकड़ कर सोफ़े में दबा दिया, पहले दाएँ चूतड़ पर फ़िर बाएं पर। दाएँ और बाएँ और दाएँ और बाएँ।

वह चमड़े की बेल्ट से राहुल के गाण्ड पर वार करता गया।

गर्दन पर दिए दबाव की वजह से राहुल उठ नहीं पा रहा था।
5 मिनट तक विनोद राहुल के चूतड़ों पर मारता रहा, फिर वह रुक गया।

राहुल के कूल्हों की गोरी चमड़ी अब टमाटर की तरह लाल रंग में बदल चुकी थी, विनोद को भी मजा आ रहा था।

विनोद ने फ़िर से अपने फ़ोन से तस्वीरे खींचना चालू किया।
3-4 तस्वीरे खींचने के बाद विनोद ने और 5 मिनट तक राहुल के चूतड़ों पर बेल्ट चलाई फ़िर राहुल के बाल खींचकर उसे उठाया और कहा- अब बाकी सजा मेरे बेडरूम में मिलेगी, चल!!

राहुल किसी तरह का विरोध किए बिना उठ गया, विनोद राहुल को खींचते हुए अपने बेडरूम में ले गया और राहुल पेट के बल बेड पर गिर गया।

राहुल के बदन पर शर्ट थी मगर विनोद अभी भी नंगा था। विनोद ने राहुल को पल्टा और 3-4 तस्वीरे खींची।
इसके बाद विनोद भी बेड पर चढ़ गया।

विनोद- यह देखो राहुल, कितनी अच्छी तस्वीरें आयी हैं तेरी, क्या तू चाहता है कि पूरा स्कूल इन तस्वीरों को देखे?

राहुल ने सिर हिलाते हुए ‘ना’ कहा।

विनोद- तो फ़िर चुपचाप लेटा रह… समझा!!

अब विनोद ने राहुल के हाथ खोल दिए, फ़िर उसने राहुल की शर्ट के बटन खोलना शुरू किया शर्ट उतार कर जमीन पर फ़ेंक दी।

राहुल भयभीत नजरों से विनोद को देख रहा था।

विनोद ने फ़िर से राहुल के हाथ पीछे बांध दिए।

राहुल के पेट पर बैठते हुए विनोद ने दोनों हाथों की दो उँगलियों के बीच राहुल के निपल्स जकड़ लिए और घुमाने लगा।

राहुल दर्द से करहाने लगा मगर विनोद ने कोई दया नही दिखाई।

फ़िर विनोद राहुल की छाती पर बैठ अपने लण्ड को राहुल के चेहरे पर रखकर हिलाने लगा।
धीरे-धीरे विनोद का लण्ड उत्तेजित होने लगा और खड़ा हो गया।
राहुल अपनी आँखों पर विश्वास नहीं कर पा रहा था !! विनोद का लण्ड 9 इंच लंबा और 2 इंच मोटा था। लण्ड के सुपारे पर की चमड़ी केवल आधे सुपारे पर चढ़ी हुई थी।

विनोद के लण्ड से अब चिकना चिकना रस निकलने लगा था। इस वजह से चमड़ी नीचे खींच गई और पुरा सुपारा चमड़ी से ऊपर आ गया।
लण्ड से निकले चिकने रस की वजह से उसका सुपारा चमक रहा था।

इतने बड़े लण्ड को देख राहुल डर गया।

विनोद ने राहुल के जबड़े को पकड़ा और कहा- आज तुम इस लण्ड को महसूस करो और बताओ तुम्हें गुदगुदी होती है या और कुछ महसूस होता है…

विनोद ने अपने मोटे लण्ड के सुपारे को दबाया और चिकने रस की एक बूँद लण्ड के टोपे पर आ गई।

विनोद ने लण्ड से राहुल के दोनों गालों पर विनोद ने थप्पड़ मारे। लण्ड से निकले चिकने रस के छींटे राहुल के गालों पर गिरे।
ऐसे ही विनोद लण्ड-थप्पड़ मारता रहा, राहुल के गाल लण्ड के रस से चिकने हो गए। अब विनोद का लण्ड बेहद मोटा और लोहे जैसा कड़क हो गया था।

विनोद ने ड्रावर से वेसलीन की डिब्बी निकाली और राहुल को पलटा, अब राहुल पेट के बल बेड पर लेटा हुआ था।

विनोद ने एक ऊँगली पर क्रीम ली और राहुल के गाण्ड में घुसा दी।
राहुल तड़प उठा मगर विनोद ऊँगली को अंदर-बाहर करता रहा।

थोड़ी देर बाद विनोद ने ऊँगली बाहर निकाल ली और दो ऊँगलियाँ राहुल की गाण्ड में घुसा दी और दो ऊँगलियों से राहुल की चुदाई करने लगा।
थोड़ी देर बाद विनोद ने तीन ऊँगलियों पर क्रीम लगाया और तीनों एक साथ घुसा दी, थोड़ी देर तक ऐसे ही उँगलियों से चुदाई की।

राहुल को भी अब मजा आने लगा गया था और उसने अपनी गाण्ड ढीली छोड़ दी, मुँह में मैला अंडरवियर, गाण्ड की तीन ऊँगलियों से चुदाई, और विनोद का 9 इंच लंबा 2 इंच मोटा लण्ड… इन सभी बातों से राहुल भी उत्तेजना से भर गया और अपनी गाण्ड आगे-पीछे हिलाने लगा।

विनोद समझ गया कि राहुल अब गर्म हो चुका है, उसने कोई देर न करते हुए तीनों ऊँगलियाँ गाण्ड से निकाल ली, अपने लण्ड पर थोड़ा क्रीम लगाई और राहुल की गाण्ड पर अपना लण्ड टिका दिया।

राहुल के कान के पास अपने होंठ रखकर विनोद बोला- आज से तेरी गाण्ड पर मेरा राज चलेगा। मैं जब चाहूँ, जहाँ चाहूँ, इसमें अपना लण्ड डाल सकता हूँ।

और इसके साथ विनोद ने राहुल की गाण्ड में अपना लण्ड डाल दिया, उसने अपना पूरा लण्ड एक ही धक्के के साथ राहुल की गाण्ड में डाल दिया।

राहुल की कुंवारी गाण्ड में विनोद का 9 इंच लंबा और 2 इंच मोटा लण्ड फ़िट हो गया, उसकी गाण्ड में विनोद का लण्ड उधम मचाने लगा, विनोद बहुत जोर-जोर से राहुल की गाण्ड में अपना लण्ड अंदर-बाहर कर रहा था।

विनोद अपना पूरा लण्ड राहुल की गाण्ड में अंदर तक डालता था और फ़िर बाहर निकालता था, सिर्फ़ अपने लण्ड का सुपारा अंदर रखता और फ़िर पूरी ताकत से अंदर तक घुसाता था।

राहुल की गाण्ड का कौमार्य उसका सबसे अच्छा दोस्त लूट रहा था और राहुल सिर्फ़ बेड पर लेटे उसे लुटने दे रहा था।

अगले 5 मिनट तक विनोद इसी तरह लंबे धक्के देते हुए राहुल को चोद रहा था।

विनोद ने राहुल को घोड़ी बनाया और फ़िर से अपना लण्ड राहुल की गाण्ड में घुसा दिया, अब विनोद राहुल को तेज धक्कों के साथ बहुत उत्तेजना से चोद रहा था।

विनोद ने अपने हाथ राहुल की कमर पर रख दिए और पूरी ताकत से राहुल की गाण्ड मारने लगा।

5 मिनट तक और चुदाई के बाद राहुल भी मस्ती में आ गया, वह भी अपनी गाण्ड आगे-पीछे कर अपनी कामोत्तेजना जता रहा था।
विनोद ने एक हाथ से राहुल के बालों को पीछे खिंचते हुए दूसरे हाथ से राहुल का लण्ड हिलाने लगा।
दर्द के कारण नरम पड़ा हुआ राहुल का लण्ड खड़ा हो गया था, विनोद के लण्ड हिलाने और लयबद्ध चुदाई से राहुल का लण्ड पूरी तरह तन गया।
5 मिनट बाद राहुल का अपने आप पर का काबू छुटने लगा और ऐसा लगा कि थोड़ी ही देर में उसका रस निकल जाएगा।
उसी वक्त विनोद को भी महसूस हुआ कि उसका रस निकलने वाला है पर विनोद की प्यास अभी पूरी तरह से मिटी नहीं थी, उसने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया, राहुल को पलटा, अब राहुल अपनी पीठ पर लेटा हुआ था।
विनोद की नजर राहुल के लण्ड पर गई। राहुल का लण्ड भी उत्तेजित हो कर तन गया था और उत्तेजना के कारण लण्ड से रस टपक रहा था।

विनोद बोला- साले!! गाण्डू!! तू भी मजे ले रहा है!!

विनोद धीरे-धीरे राहुल का लण्ड हिलाने लगा। उत्तेजना के कारण चिकना रस राहुल के लण्ड से निकलने लगा और विनोद की उँगलियाँ रस से गीली हो गई।

विनोद ने थोड़ी देर हिलाया और फ़िर राहुल के मुँह पर से अंडरवीयर हटाया, उसी के चिकने रस से भरी उँगलियाँ उसके मुँह में घुसा दी।
राहुल विनोद की उँगलियों से रस चाटने लगा।
फ़िर विनोद अपने होंठ राहुल के होंठों के पास ले गया और उसे जोर जोर से चूमने लगा।

विनोद अब थोड़ा रिलैक्स हो गया था, उसने राहुल के पैर खींच लिए और अपने कंधों पर रख दिए, उसने राहुल की गाण्ड में फ़िर प्रवेश किया और जोर के साथ राहुल को चोदने लगा।

कुछ देर बाद विनोद ने एक हाथ से राहुल का लण्ड हिलाना शुरू किया और दूसरे हाथ से राहुल के टट्टों को हल्के से खींचने लगा।

राहुल और विनोद दोनों को मजा आ रहा था मगर राहुल भी स्खलित नहीं होना चाहता था, उसने अपने लण्ड पर काबू रखने की कोशिश की।
विनोद 10 मिनट तक राहुल का लण्ड हिलाता रहा और राहुल अपने आप पर काबू करने की कोशिश कर रहा था।

राहुल को अब महसूस हो रहा था कि किसी भी वक्त उसका रस निकल सकता है मगर विनोद ने अचानक से हिलाना बंद किया।

विनोद ने राहुल के घुटने मोड़ कर ऊपर दबा दिए जिससे राहुल के घुटने राहुल के कंधों के पास आ गए।

अब विनोद जोर-जोर से राहुल का लण्ड हिलाने लगा और खुद भी राहुल की गाण्ड मारने लगा।

राहुल का लण्ड ठीक उसके चेहरे के ऊपर था, उसने अपने आप पर काबू करने की कोशिश छोड़ दी और मजे लेने लगा।
5 मिनट के बाद राहुल का सारा रस किसी ज्वालामुखी की तरह निकल गया, रस की सारी धार सीधे राहुल के मुँह पर गिरी और उसका पूरा चेहरा रस से ढक गया।

विनोद अब और जोर-जोर से राहुल की गाण्ड मारने लगा।
थोड़ी देर बाद विनोद ने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और राहुल की छाती पर चढ़ गया, उसके चेहरे पर अपना लण्ड रखकर हिलाने लगा।

थोड़ी देर बाद उसने अपना सारा रस राहुल के चेहरे पर छोड़ दिया। राहुल का पूरा चेहरा विनोद के और उसके अपने रस से ढक गया था। रस चेहरे पर होने की वजह से राहुल अपनी आँखें खोल नहीं पा रहा था।

विनोद ने राहुल का चेहरा चाटना चालू किया और सारा रस अपने मुँह में भर लिया।

जब सारा रस विनोद ने चाट लिया तो राहुल ने आँखें खोली।
विनोद अपने होंठ राहुल के होंठों के करीब लाया, राहुल ने अपने होंठ खोल दिए और विनोद ने राहुल को चूमना चालू किया।

विनोद और राहुल के रस का मिश्रण में अब राहुल और विनोद की थूक मिल रही थी।

यह मिश्रण राहुल और विनोद ने पी लिया और कुछ देर तक ऐसे ही चूमते रहे।

विनोद ने राहुल के हाथ खोल दिए और राहुल को चूमने लगा।
थोड़ी देर बाद विनोद ने राहुल से कहा- अरे राहुल तेरी गाण्ड मार के तो आज बहुत अच्छा लगा। मेरी कितने दिनों की इच्छा आज पूरी हो गई।

राहुल ने मुस्कुराते हुए कहा- मेरी भी इच्छा थी कि तेरे लण्ड से अपनी गाण्ड मरवाऊँ। मैंने तेरा लण्ड पहले भी छुआ है। मैं पिछली बार जब तेरे घर पर पढ़ाई करने आया था तब यहीं पर सो गया था। उसी दिन मुझे पता चल गया था कि तेरा लण्ड कितना बड़ा है।

विनोद ने अपने दोस्त की तरफ़ देखा और फ़िर से उसे चूमने लगा। उस दिन विनोद और राहुल ने कोई पढ़ाई नहीं की, दिन भर चुदाई का कार्यक्रम चलता रहा।

मेरी कहानी पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद!!
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