हिंदी गे चुदाई स्टोरी – बेटे ने गे बना दिए

हिंदी गे चुदाई स्टोरी

मैं ५० वर्ष का विधुर हूँ| मेरी पत्नी को गुज़रे हुए करीब १५ साल हुए| मेरा बेटे सोनू को अभी २२वाँ साल लगा है| बात पिछली गर्मियों की है| सोनू की कॉलेज की छुट्टियाँ शुरू हुई थी| उसे घर आए ज़्यादा दिन नहीं हुए थे| एक दिन रात को मैं पानी पीने उठा| रसोई के रास्ते में सोनू का कमरा पड़ता है| उस के कमरे से तेज तेज सासें चलने की आवाज़ें आ रही थी| मैने झाँक कर देखा तो पाया की सोनू मूठ मार रहा है|

सोनू अपने ६ इंच के लंड को बड़ी तेज तेज हिला रहा था| उसे देख कर मुझे अपनी उम्र याद आ गयी| मैं जब से १६ का हुआ था, तब से मूठ मारना शुरू कर दिया था| मैने दरवाजा हल्के से बंद कर दिया, फिर पानी पी कर अपने कमरे में आ गया| सोनू को मूठ मारते देख कर मेरा लंड भी खड़ा हो गया था| मैने कमरा बंद किया और पाजामा उतार दिया| चड्डी से लंड निकल कर धीरे धीरे हिलाने लगा| आहा, क्या मज़ा आ रहा था|

मैं अपने आप को रोक नहीं पा रहा था| मैने ३-४ पुरानी कामुक किताबें निकली| अपनी पसंद की कहानी दुबारा पढ़ी| नायिका को चुद्ते पढ़ कर मेरी स्पीड भी बढ़ने लगी| थोड़ी देर में सारा रस निकल गया| मैं निढाल हो कर सो गया| मुझे लगा की दरवाजे पर कोई है, लेकिन मन का भ्रम सोच कर सो गया| लेकिन फिर भी मुझे सोनू के कदमो की पद चाप सुनाई पड़ रही थी|

फिर तो ये वाक़या हर दूसरे दिन होने लगा| मुझे लगने लगा था की सोनू जब भी मुझे पानी पीने जाने देखता है, उसका मूठ मारना शुरू हो जाता है| सोनू बहुत ही दुबला पतला है| जब मूठ मारता है तो उसकी पतली कमर क्या बल खाती है| कई बार तो मुझे भ्रम हुआ की सोनू ब्रा पहने हुआ है| ये भ्रम उस दिन दूर हुआ जब एक रात को जब मैं सो रहा था, वो मेरे कमरे में आया| मुझे अपने पाजामे में हलचल महसूस हुई| देखा की एक औरत मेरा लंड चूस रही है| मैं रंडी बाजी नहीं करता| लेकिन जब कोई मेरा लंड चूसे तो भाई
पूछो मत कितना मज़ा आता है| मैने उसे अपनी बाहों में ले लिया| मैने क्या पाया की सोनू साड़ी पहने हुए है| झट से मेरा लंड बैठ गया| मुझे बड़ा गुस्सा आया| अजीब से लग रहा था| गुस्सा भी आ रहा था और मज़ा भी| “ये सब क्या है?”


“पापा, आपको अच्छा नहीं लगा?” कह कर वो दोबारा मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया| मैने लाख माना किया लेकिन वो छोड़ नहीं रहा था| मुझे भी अच्छा लग रहा| मैने भी मना करना बंद कर दिया| वो धीरे धीरे चूसता रहा| करीब २० मिनिट के बाद मैने पानी छोड़ दिया| वो सारा का सारा पी गया| ऐसा लग रहा था की वो कई बार ऐसा कर चुका है| फिर वो बिना कुछ कहे मेरे कमरे से चला गया, और मैं सारी रात सोचता रहा की मैने ग़लत किया या सही? क्या कोई अपने सगे बेटे के साथ ऐसा करता है क्या? अगले दिन सुबह मैने उसे खूब डांटा|

दिन भर वो मुझसे नज़रे चुराए बैठा रहा| लेकिन रात को मैं पिछली रात का मज़ा नहीं भूल सका| लगने लगा की मैने बेकार में सोनू को डांटा| कितने मज़े कर रहे थे| ये सब सोच कर मेरे कदम अपने आप सोनू के कमरे के तरफ बढ़े| जो देखा उससे मेरी आँखे फटी की फटी रह गयी| मैने देखा की सोनू ब्रा पहने हुए है और अपनी गाँड़ में डिल्डो डाल कर हल्के हल्के कराह रहा है|

उसके मस्तानी आवाज़ से मेरा लॅंड बिल्कुल लोहा हो गया| मुझे दरवाजे पर खड़ा देख कर वो चुपचाप गाँड़ से डिल्डो निकाल कर बैठ गया| मैं अपने आप को रोक नहीं पाया| झट से अपना पाजामे का नाडा ढीला कर दिया| ये देख कर सोनू मेरा इशारा समझ गया| उसने मेरी चड्डी नीचे की और लंड मुँह में ले लिया| पर मुझे तो उसकी गाँड़ चाहिए थी| फट से उसे उठा कर पलंग पर पटका|

उसकी गाँड़ हड्द चौड़ी थी| एक ही झटके में मेरा पूरा का पूरा अंदर चला गया| आधे घंटे तक उसे चोदा|

अगले दिन मैं काम पर गया| पर मेरा मन ऑफिस में नहीं लग रहा था| मेरी वैसी ही हालत थी जब मेरी नयी नयी शादी हुई थी| मुझे तो घर जा कर फिर से सोनू की गांड लेनी थी| शाम को मैं ऑफिस से जल्दी घर आ गया था| सोनू को भी मैंने ऑफिस से फ़ोन कर के जल्दी आने के लिए कह दिया था| लेकिन घर पर तो माजरा ही कुछ और था|

सोनू अपने साथ कुछ दोस्तों को लेकर आ गया था| थोड़ी ही देर में सब समझ आ गया| सोनू ने पूल पार्टी बुलाई थी| और उसके सारे दोस्त मुझ से अपनी गांड मरवाने आये थे|

उसके कुछ दोस्त अपने पिता को भी लेकर आये थे| तभी मुझे चौधरीजी दिखे, जो मेरे साथ ऑफिस में काम करते हैं| अपने ऑफिस वाले दोस्त को भी अपने जैसे देख कर जो ख़ुशी मिली, बता नहीं सकता| तब से हम दोनों साथ साथ रह रहे हैं|

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