हिंदी चुदाई कहानी एक सेक्सी मर्द के साथ

Outdoor fucking fun between a hunk and stranger

हिंदी चुदाई कहानी: नमस्कार दोस्तों मेरी पिछली दो कहानियों को आपने बहुत सारा प्रेम दिया | मैं इसके लिए आप सभी पाठकगणों का बहुत धन्यवाद करता हूं | आपने मेरा बहुत मनोबल बढ़ाया है |

मेरा नाम अभिषेक (परिवर्तित) है | मैं इंदौर शहर में रहता हूं | कहानी में घटी घटना के वक्त मैं 20 वर्ष का हूं रंग गोरा, ट्रीम की हुई दाढ़ी, 5 फुट 4 इंच हाइट, ना ज्यादा मोटा हूं ना ज्यादा दुबला पतला हूं |

मैं अब आज की कहानी पर आता हूं | मैं अपने पुराने दोस्तों से मिलकर अब उकता गया था | वह भी अब मुझमें ज्यादा दिलचस्पी नहीं लेते थे | इसलिए मैंने उनसे मिलना कम कर दिया | धीरे-धीरे मैंने फेसबुक पर एक नकली प्रोफाइल बनाई तथा लड़कों से बात करने लगा | एक दिन मैं कॉलेज में था कि मुझे एक मैसेज आया |

मैंने भी रिप्लाई किया | थोड़ी देर बातचीत के बाद उसने मुझे बस स्टैंड पर मिलने के लिए बुलाया | उसने कहा कि वह एक होटल में आज शाम तक के लिए अकेला रुका हुआ है | मैं हवस की आग में जल रहा था इसलिए मैंने वहां जाने का निर्णय किया | मैंने बस पकड़ी और मैं चला गया | मैंने जाकर उसको फोन किया तो वह मुझे होटल के गेट पर लेने आया |

मैं उसे देखता ही रह गया | ऊंचा सा मर्द, छाती बाहर निकली हुई, एकदम गोरा, घुंघराले बाल, ट्रीम की हुई दाढ़ी, उसमें कुछ सफेद बाल, बोले तो एकदम रितिक रोशन जैसा लग रहा था | उसे देखकर मेरी तो आंखें उससे हट ही नहीं रही थी | उन्होंने अपना नाम वीरेंद्र बताया था वह बाहर से किसी काम से इंदौर आए थे |

जब मैंने उनसे पूछा कि आप क्या काम करते हैं तब उन्होंने बताया कि वह एक किसान है गांव में खेतीबाड़ी करते हैं | वह मुझसे बहुत प्यार से बात कर रहे थे मैंने भी उन्हें वीरेंद्र भैया कहना शुरू कर दिया था वह उम्र में उससे काफी बड़े थे करीब 35 साल के |

वह मुझे अपने रूम में ले गए |वहां ले जाकर मुझे कंफर्टेबल करने लगे मैं तो उन्हें लगातार देखे ही जा रहा था | वह मेरे नजदीक आए और मेरे बाजू में लेट गए | मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि ऐसा मर्द मेरे ऊपर चढ़ा हुआ है | वह मुझे किस करने लगे मैं भी पागलों की तरह उन्हें चाटने लगा |

मैंने उनकी शर्ट के बटन खोल दिए और शर्ट उतार कर फेंक दी उनकी छाती पर बाल आते थे पर उन बालों को उन्होंने रेजर से हटाया हुआ था तो उनकी गोरी चौड़ी छाती बहुत सेक्सी लग रही थी | वह जानवरों की तरह मुझ पर टूट पड़े उन्होंने मेरे सारे कपड़े उतार दिए मैं किसी भेड़ की तरह उनके चंगुल उनके नीचे फंस गया | वह शेर की तरह मुझ पर लपक पड़े |

मैं बस उनकी बॉडी को छूकर महसूस ही कर रहा था इतने में उन्होंने अपनी चड्डी खोल दी और अपना लंड मुझे दिखाया | मैं देखता ही रह गया, मेरे हाथ बराबर मोटा, 6” लंबा | इतना मोटा लंड मैंने आज तक नहीं देखा था | उनका लंड मेरे हाथ में भी नहीं समा रहा था | मैं बहुत देर तक उनके जिस्म से खेल रहा था | कभी उनके होंठ चूसता, कभी उनकी छाती, कभी लंड से खेलता |वह साक्षात किसी सेक्स के भगवान की तरह थे |

उन्होंने मुझे धक्का देकर नीचे किया मैं समझ गया था उन्हें क्या चाहिए | मैंने आव देखा ना ताव और उनका लंड अपने मुंह में भर लिया | उनका लंड मेरे मुंह में जा ही नहीं रहा था | जितना जा रहा था मैं जबर्दस्ती चूसने लगा | मैं उनके लंड को जीभ से किसी कुल्फी की तरह चाट रहा था और जब मैं उनके लंड को अपनी जीभ से सहलाता था तब उनकी आंखों में आंखें डाल कर बड़े प्यार से देखता |

वह मेरे गाल सहला रहे थे, कभी बालों में उंगलियां घुमा रहे थे, कभी मेरे निप्पल दबा रहे थे | वह पागल हुए जा रहे थे और मैं ऐसे ऐसे मर्द का लैंड चूस कर खुद को धन्य समझ रहा था | अब बारी उनकी थी |

उन्होंने मुझे लेटाया बहुत सारा थूक अपने लंड और मेरी गांड पर लगाया और मुझे करवट लिटा कर मेरे पीछे करवट लेट कर मेरी एक टांग ऊपर उठाकर मुझ में लंड घुसाने लगे | बहुत सारी नाकाम कोशिशों के बाद उनके लंड का टोपा मेरी गांड की सभी सरहदों को चीर कर अंदर घुस गया |

मैं दर्द से चिल्लाने लगा मेरे दर्द का कोई ठिकाना नहीं था | थोड़ा सा लंड अंदर घुसा और उन्होंने भी जोश जोश में एक जोर का धक्का देकर पूरा अंदर घुसा दिया | मैं तड़प गया और वही बेहोश हो गया |

जब होश आया तो देखा कि वीरेंद्र भैया मुझे जगा रहे हैं | उन्होंने मुझसे पूछा “तुम ठीक तो हो?” मैंने कहा “क्या हुआ था” उन्होंने बताया कि चुदते समय में बेहोश हो गया था | उन्होंने फिर से पूछा कि “क्या तुम फिर से करना चाहोगे “ मैंने हां कर दिया |

उन्होंने फिर से अपने कपड़े उतार कर अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया | अगले 5 मिनट तक मेरा मुंह चोदने के बाद फिर से मुझे करवट लेटा कर उसी पोजीशन में फिर मुझे गांड में लंड डालने लगे | मैंने दोनों हाथों से अपनी गांड को पूरी ताकत से फैला दिया था | उन्होंने मेरी गांड के छेद पर अपना लंड सेट किया और जोर लगाने लगे |

और उनके लंड का बड़ा सा टोपा बड़ी मुश्किल से मेरी छोटी सी गांड में घुस गया | मैं तड़प गया, उन्होंने मुझे पीछे से कस के पकड़ लिया ताकि मैं आगे ना भाग सकूं | उन्होंने मेरी एक टांग अपने हाथ से ऊंचे उठा दी और लंड को धीरे-धीरे आगे पीछे करने लगे |

हर झटके के साथ वह थोड़ा और लंड अंदर कर देते और जब मैंने तड़पना बंद करा उन्होंने लंड पीछे किसका कर जोर का धक्का देकर पूरा लंड एकसाथ अंदर घुसा दिया | मैं पीछे मुड़ा वीरेंद्र भैया, मुझे किस करने लगा हम दोनों अब एक हो चुके थे |

किस करते समय में वीरेंद्र भैया की आंखों में देख रहा था | वह भी मेरी आंखों में बड़े प्यार से देख रहे थे | और अपना लंड मेरी गांड में चला रहे थे | मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मेरी छोटी सी गांड में इतना बड़ा लंड अंदर बाहर हो रहा था |

हिंदी चुदाई कहानी एक सेक्सी किसान के साथ

वह मेरे शरीर के हर एक अंग को बड़े प्यार से सहला रहे थे | हम दोनों का सेक्स किसी दैवीय क्रिया जैसा लग रहा था | एक हट्टा कट्टा 33 साल का मर्द और एक 20 साल का कमसिन जवान लड़का हम दोनों सेक्स के आग में एक दूसरे को जला रहे थे, एक दूसरे को बुझा रहे थे एक दूसरे की भूख बढ़ा रहे थे, एक दूसरे की भूख मिटा रहे थे!

एक दूसरे के शरीर में डूब रहे थे, एक दूसरे के शरीर में तैर रहे थे

हमारी दो जाने एक 6 इंच लंबी और 3 इंच मोटी रस्सी से एक हो चुके थी

हम हवा से गीले हो रहे थे, पानी हमें पोछ कर जा रहा था |”

वीरेंद्र भैया धकाधक मुझे चोद रहे थे | और अचानक उस किसान मर्द ने अपना पूरा मर्दानगी मेरे गांड में उतार दी | उन्होंने बहुत सारा वीर्य मेरी गांड में उतारा हम दोनों अभी एक दूसरे की आंखों में देखे जा रहे थे | उनका लंड सिकुड़ कर मेरे गांड से बाहर निकल आया |

कुछ देर हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे | फिर हम दोनों बाथरूम में साफ करने गए | हम दोनों एक दूसरे के अच्छे दोस्त बन गए | इतना मजा मुझे पहले कभी नहीं आया था | मैं आज भी वीरेंद्र के संपर्क में हूं मैं उन्हें वीरेंद्र भैया कहकर बुलाता हूं |

आपको यह कहानी कैसे लगी बेहिचक मुझे [email protected] पर ईमेल करें ।

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