हिंदी गे सेक्स कहानी अमित और अविनाश के चुदाई की: 2

हिंदी गे सेक्स कहानी अमित और अविनाश के चुदाई की: 2

हिंदी गे सेक्स कहानी: पर उस दिन भी फाइनल काम नहीं हुआ. पर अब हम साथ नहाने लगे… फ्रीली किस्सिंग करने लगे एक दूसरे का लंड चूसने लगे और वीर्य पीने लगे. एक दुसरे का छेद भी चाटने लगे… बदन का कोई हिस्सा अनछुआ नहीं रहा. हम साथ साथ नंगे सोने लगे. या यु कहूँ कि अब हम प्रेमी जोड़े बन चुके थे…

अक्सर अमित पूछता अवि तुम्हे कोई ऑब्जेक्शन तो नहीं है मैं उसे कुछ बोलता नहीं था…

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एक दिन अमित का फोन आया कि वोह मुझे ऑफिस से पिक्क करने आ रहा है. मैं थोडा सरप्राइजड था कि वोह ऐसा क्यों कर रहा है. खैर हम पाँच बजे उसकी बाइक पर ऑफिस से निकले और घर पहुंचे. घर उस दिन घर नहीं स्वर्ग लग रहा था. अमि ने बेड रूम को टेस्टफुली सजाया था. बीएड पर फ्लावर्स थे. शम्पेन टेबल पर थी विथ फ्लावर्स. हल्का म्यूजिक चल रहा था.

घर में घुसते ही अमित ने मुझे बाँहों में भर लिया और बोला अवि अब और इंतज़ार नहीं होता. प्लीज मान जा. अमि का यह अंदाज़ बहुत ही मन मोहक था. धीरे धीरे किस्सिंग के दौरान कपडे उतर गए. हम दोनों साथ बाथरूम में शावर लेने लगे. वह अमित फिर बोला तू मुझे बहुत पसंद है. तू बता मैं तुझे पसंद हूँ कि नहीं?

तो मैंने बोला अगर पसंद न होता तो क्या मैं तुम्हारे साथ यह सब करता. यह सुनते ही उसने मुझे बाँहों में भर लिया और बेतहाशा किस करने लगा. उसने अपने और मेरे बदन को पोछा मेरे चूतडो पर किस किया. इसके बाद उसने मुझे बाँहों में उठाया और टेबल तक लाया… वह शम्पेन कि बोतल खोली गयी और शम्पेन पी गयी. उसके बाद हम बिस्तर तक पहुंचे… बिस्तर पर फूल थे. जो उसके प्यार बयाँ कर रहे थे…

उसने किसिंग शुरू कि मैं साथ दे रहा था अचानक उसने मेरे निप्पल्स(चूचियों) ऊँगली से मसलने शुरू कर दिए. मेरी टांगे अपने आप खुलने लगी मेरे होश गायब होने लगा. अमित को पता था कि निप्पल्स(चूचियों) चूसे जाने पर मैं बिलकुल बेहाल हो जाता था. इसलिए उसने निप्पल्स(चूचियों) चुसना शुरू किया… और मेरी सिसकारी भरी आवाज़ निकलने लगी. मैं बोला अमि अब इंतज़ार नहीं होता…

यह सुनते ही अमित ने मेरे टट्टे चुसना शुरू किया और फिर उसकी जीभ मेरे छेद को खोलने लगी… उसने मेरे छेद पर अपने नाख़ून फिरने शुरू लिए और मैं अमि अमि बस कर बोलने लगा… उसने अपनी एक ऊँगली में जेल लगा के अन्दर डालना शुरू किया. उसकी ऊँगली जा नहीं रही थी. उसने फिर निप्पल्स (चूची )चूसा मेरी टांगे थोड़ी खुली…. एक ऊँगली चली गयी… वोह उसे अन्दर बहार कर रहा था.

उसने फिर दो ऊँगली के लिए यही किया… मुझे दर्द हो रहा था. मैं बोल रहा था अमि मुझे दर्द हो रहा है… प्लीज… अमि… प्लीज… और वोह मेरे निप्पल्स चूसने लगता… और फिर उँगलियाँ… अन्दर बहार करता… उसने काफी सर जेल मेरे छेद के मुहाने पर टयुब रख के अन्दर डाल दिया था. ताकि अन्दर काफी चिकना हो जाये और मुझे तकलीफ न हो… इस बीच में अमित ने तीसरी ऊँगली डालने कि कोशिश कि और मैं चीख पड़ा नही… अमित… प्लीज…

अमित अब काफी एक्साइटड था उसने मेरे छेद को फाइनली किस किया… उसका लंड पूरा ताना था और उस पर काफी जेल लगा था… और उसने लंड का सुपाडे को मेरे छेद के मुहाने पर रख दिया… और बोला अवि अन्दर जाने कि इज़ाज़त दे… मैं कुछ नहीं बोला. वोह पूछता रहा फिर बोला जब तक तू नहीं बोलेगा मैं अन्दर नहीं जाऊँगा… मैंने काफी देर बाद बोला अमि यह तेरा हक़ है. इसमें इजाज़त कैसी…

यह सुनते ही अमि ने मेरे निप्पल्स चूसे और धीरे से अपने सुपाडे को प्रेस किया मेरा छेद खुला और सुपाडा उसमे आधा फंस गया. इसके बाद अमित ने मेरे निप्पल्स चूसते चूसते. मुझे बेकाबू करते पूरा ८” का लंड अन्दर डाल दिया और थोड़ी देर यु ही मेरे ऊपर रह कभी किस करते कभी निप्पल्स चूसते. जब अमित का लंड मेरी गांड को खोल रहा था मैं छटपटा रहा था. और बोल रहा था अमि दर्द हो रहा है प्लीज रुक जा.

पर टॉप का सुपाडा एक बार छेद का मुहाना पार कर जाये तो वोह कहाँ रुकता… पूरा डालने के बाद अमि बड़े प्यार से बोला अवि तू मेरा है… थोड़ी देर बाद अमि ने पूरा लंड बाहर सुपाडे तक खींचा और फिर डाला… सुपाडे को बहार नहीं आने देता था… इस तरह २०/२५ स्ट्रोकस के बाद मुझे अच्छा लग रहा था… मेरी पूरी गांड की मसाज हो रही थी.

जिसे मैं पसंद करता था वोह मुझे चोद रहा था… अब अमि कि स्पीड बढ़ गयी थी… मैं अमि अमि अमि… चिल्ला रहा था… और वोह अवि तू मेरा है… बोल कर चोद रहा था… उसकी स्पीड बढती जा रही थी… बॉटम कि बेबसी और ख़ुशी एक साथ होती है…

अमि कि स्पीड बढ़ चुकी थी. इतनी स्पीड कि वजह से मेरा वीर्य अपने आप लंड से निकल के उछला और अमित कि छाती के बालों में चिपक गया. अमित चिल्लाया अवि मेरा निकलने वाला है और बोलते बोलते वोह मेरे ऊपर ढेर हो गया…

उसका गरम गाढ़ा वीर्य मेरी गांड को भरने लगा. उसके बाद के स्ट्रोक्स भी उसकी ख़ुशी बता रहे थे… अब अमि झड चुका था. उसका अवि उसी से चुद चुका था. अब अमि मुझे बेतहाशा चूम रहा था… और बोल रहा था अवि तू मेरा हो गया… उसका लंड अभी भी मेरी गांड में था और वोह मेरी बाँहों में…

हिंदी गे सेक्स कहानी अमित और अविनाश की फाइनल चुदाई की

थोड़ी देर बाद बोला चल बाथरूम चलते है… पर उसने लंड निकले के बाद मेरे फैले हुए छेद को देख कर बोला तेरी गांड काफी खुल गयी है और मस्त है… उसका गाढ़ा वीर्य अब छेद से रिसने लगा था… मैंने चलने कि कोशिश कि पर चल नहीं पाया जांघे जवाब दे गयी थी… इतनी भीषण चुदाई के बाद दर्द बहुत हो रहा था… गांड में जलन भी थी…

बाथरूम तक वोह मुझे उठा कर ले गया… ठन्डे पानी से मेरे छेद को साफ़ किया… छेद में एंटीसेप्टिक क्रीम लगायी… अपनी छाती पे मेरे चिपके वीर्य को खाया… और फिर बिस्तर में हम दोंनो एक दुसरे के बाँहों में मीठी मीठी बाते करते हुए सो गए… अंत में मैं यही कहूँगा टॉप का हक़ है चोदने का… और बॉटम कि नियति है चुदने कि… पर जो भी हो प्यार से हो…

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अविनाश([email protected])

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