हिंदी सम्भोग कहानी जवान समलैंगिक दोस्तों की: 1

College fucking friends having gay sex in hostel

हिंदी सम्भोग कहानी: दोस्तों ये कोई काल्पनिक कहानी नहीं वल्कि मेरी खुद की सच्ची कहानी है। इस कहानी में सिर्फ सेक्स ही नहीं होगा वल्कि मेरे जीवन से जुडी काफी सच्ची बातें भी होंगी।

मै एक छोटे शहर में पला-बढ़ा बचपन से सॉफ्ट और शांत नेचर का लड़का था। पढाई में अच्छा था तो टीचर्स का फेवरेट था इसीलिए क्लास के सभी बच्चे भी मेरे से अच्छे से व्यवहार करते और टाइम अच्छा चल रहा था।

हम सब बड़े हो रहे थे, क्लास 8th में आते आते लड़के थोड़ा कच्चा पक्का देखा सुना सेक्स का ज्ञान आपस में बांटने लगे थे उन्ही में मेरा एक दोस्त होता था विनय। हम पक्के दोस्त थे।

एक बार मेने विनय को बोला की कभी कभी मेरा नुन्नू सख्त हो जाता और गरम भी। विनय ने पहले तो मुझे चिढ़ाया की लड़का जवान हो गया और बताया की ऐसा सब लड़को के साथ होता है। विनय कभी कभी क्लास में बैठे बैठे मेरा नुन्नू पकड़ लेता और मुझे धीरे धीरे ये सब अच्छा लगने लगा।

फिर विनय ने मुझे बताया की मुट्ठी कैसे मारते हैं। एक दिन मै घर में अकेला था तो बाथरूम में जाकर विनय के बताये तरीके से मै अपना नुन्नू हिलाने लगा आज पहली बार मेने अपनी नुन्नू को लंड का आकर लेते देखा अच्छा भी लगा और एक नशा सा भी छाने लगा। काफी देर तक हिलाने के बाद मेरे लंड फव्वारा छोर दिया और मुझे ऐसा लगा जैसे इससे अच्छा एहसास कोई हो ही नहीं सकता।

अब मुझे एक नया ही खेल मिल गया था जब बी घर में अकेला होता मै मुट्ठी मारने लगा और क्लास में विनय और मै एक दुसरे का पकड़ कर बैठे रहते पर सेक्स की बातें और पसंद लड़कियां ही थीं और कभी ज्यादा कुछ हुआ नहीं।

टाइम बीता और हमने शहर छोड़ दिया और मैने ग्रेजुएशन में आ गया,अब मेरा सामना हुआ इंटरनेट से जहाँ मेने ऑरकुट ज्वाइन किया और नए नए लोगो से दोस्ती की उनमे एक दोस्त बना आशुतोष । वो मुझसे छोटा था और मुझे बड़े भाई जैसा मानता था (ऐसा मुझे लगता था) हम अलग अलग शहर में रहते थे और धीरे धीरे फ़ोन पर बात करने लगे और काफी क्लोज आ गए।

फिर मै एक इंटर्नशिप के लिए उसके शहर गया और उसके यहाँ पेइंग गेस्ट की तरह रहने लगा उसकी फॅमिली ने भी मुझे काफी प्यार दिया। मै आशु के साथ रूम शेयर करता था और मेरी नींद ऐसी थी की जल्दी से टूटती नहीं थी।

एक रात मै सपना देख रहा था की मै किसी लड़की के साथ सेक्स कर रहा हु और इस वजह से मेरा लंड एक दम सख्त हो गया था पर ये सपना कुछ ज्यादा ही सच लग रहा था इतने में मेरा हाथ अपने लंड पर गया और मेने महसूस किया की सपना नहीं सच में कोई मेरे लंड को मुँह में लेकर चूस रहा है।

अँधेरा था तो मुझे साफ़ दिखा नहीं की कौन है, अचानक नींद टूटने और किसी को चूसता पाकर मै डर गया और झटके से उठा। उस इंसान ने मेरा मुँह पकड़ा और बोला भैया शांत ये मै हूँ।

मुझे विश्वास नहीं हुआ नई ये आशु हो सकता है।

मुझे विश्वास नहीं हो रहा था की एक लड़का लड़के के साथ ऐसा कर सकता है उसमे भी हम भाई जैसे थे। मुझे काफी गुस्सा आया और मै बाहर जाने लगा, आशु ने मुझे कसम देकर रोका, फिर आशु बेड पर और मै सोफे पर सो गया।

सुबह मै उससे नजरे नहीं मिला पा रहा था, जो हुआ वो अच्छा भी लगा और गिल्ट भी हो रहा था। दिन में अकेला पाकर आशु ने मुझे समझाया (या कहें की फसाया) की ये सब होता है और वो हम दोस्त हैं सेज भाई या रिश्तेदार नहीं पर मेरा मन नहीं माना तो उसने बोला की एक बार करके तो देखो अगर नहीं ठीक लगा तो नहीं करेंगे दोबारा।

आखिर मै भी सिर्फ १९-२० साल का था और जो हुआ वो अलग एहसास था तो मै मान गया और अगली रात जानते मै आशु ने मेरा लुंड चूसा और मुझे काफी मजा आया और यहीं से मेरे नए जीवन की शुरुआत हुई हमारी दोस्ती ने अलग मोड़ ले लिया था कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा और आशु रोज रात मेरा लंड चूसता। हम एक दुसरे को किश करते और नंगे बदन चिपक कर सो जाते।

कुछ दिन बाद आशु ने मुझे बोला की आज एक कदम आगे बढ़ाएं? मेने कहा मतलब ?

आशु- मतलब आज मुझे अपनी बीवी बनाओगे? मेरे साथ सेक्स करोगे?
मै- वो कैसे ? तू तो लड़का है चूत थोड़े ही है तेरे पास।।
आशु- पर गांड तो है ना।।।
मै- छी!!! वहां कैसे ?

आशु- रात आने दो बताता हूँ और दिखता हूँ।
रात को आशु ने मेरा लंड चूसा और जब खड़ा हो गया तो मुझे बोला की अब धीरे धीरे मेरी गांड में अपना लंड डालो
मै- तुझे दर्द नहीं होगा?

आशु- थोड़ा होगा पर मजा भी आएगा
मै- पक्का ना?
आशु- हाँ यार अब डालो भी

मेरा पहली बार था तो मैंने धीरे धीरे कोशिश पर लंड अंदर नहीं जा रहा था, फिर उसने मुझे वेसिलीन दी और गांड क छेद और मेरे लुंड पर लगायी और धक्का लगाने को कहा।

इस बार लंड अंदर गया और एक अलग ही एहसास था, मेने आशु को जी भर कर के चोदा और उसकी गांड में ही झड़ गया हम दोनों पसीने में लथपथ थे। आज एक नया सुख मिला मुझे मेने नोटिस किया की आशु को बहुत मजा आया और उसे शायद दर्द भी नहीं हुआ ये देख कर मुझे और भी अच्छा लगा।

हिंदी सम्भोग कहानी गे दोस्तों की

हम दोस्त से हटकर मियां बीवी की तरह हो गए थे दिन में नार्मल रहते और रात को रोज़ सेक्स करते।

मुझे भी अब आशु से इश्क़ हो चला था हम दोनों एक दुसरे की दुनिया थे। इंटरनेट से देख देख कर मैंने काफी कुछ सीख लिया था सेक्स में , हम अलग अलग तरीके से अलग अलग जगह पर सेक्स करते।

एक बार आशु की फॅमिली एक वीक के लिए शादी में गयी तो हम दोनों अकेले थे अब हमे एक होने के लिए रात का इंतज़ार नहीं था। आशु ने अपनी मम्मी के कपडे पहने और हमने दिन में ही सुहागरात मनाई और शादीशुदा जोड़े की तरह दिन बिताने लगे।

पर ये ख़ुशी ज्यादा लम्बी नहीं थी जल्दी ही कुछ ऐसा हुआ जिसकी मेने कल्पना भी नहीं की थी। मेरी हस्ती खेलती दुनिया जैसे उजड़ गयी पर वो सब अगले भाग में।

तब तक अपना ख्याल रखना फिर मिलेंगे।

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