मेरी दूसरी सुहागरात की हिंदी समलैंगिक कहानी

मेरी दूसरी सुहागरात की हिंदी समलैंगिक कहानी

हिंदी समलैंगिक कहानी: सभी दोस्तो को राज शर्मा का नमस्कार | मे राज शर्मा नोएडा से हाज़िर हू अपनी दूसरी कहानी के साथ |
मेरी पहली कहानी ” मेरी पहली सुहाग रात” को आप लोगो ने बहुत पसंद किया, उसके लिए बहुत बहुत शुक्रिया|

मुझे आप लोगो के ढेरो मेल मिले और आप मे से काफ़ी लोगो ने मुझसे मिलने की ख्वाइश भी जताई|

मैने सभी मेल का रिप्लाइ भी किया पर सभी से मिल पाना मुश्किल था|
काफ़ी लोगो ने मुझसे पूछा की मे अपनी दूसरी कहानी कब लिख रहा हू, पर मैने बताया की जब तक कोई मिलेगा ही नही तो कहानी कैसे लिखूंगा| करीब करीब एक साल बाद मे ये कहानी लिख रहा हू| उम्मीद है की आप लोगो को पसंद आएगी और आप लोग पहली की ही तरह मेरा उत्साह बढ़ा ते रहेंगे|

मेरी पहली कहानी के बाद मेरे पास काफ़ी मेल आए जो लोग मेरे से मिलना चाहते थे| पर किसी से बात जमी नही|

फिर कुछ दिन बाद मेरे पास देहली के एक बिज़्नेस मेन का मेल आया| उसका नाम विशाल खन्ना(बदला हुआ) था, उसकी उमर बावन साल थी और उसकी बीवी मर चुकी थी| बच्चे विदेश मे रहते थे| कुछ दिनो तक हम लोग मेल से बात करते रहे और फिर हम लोग फोन पर बाते करने लगे| फिर एक दिन हम लोगो ने मिलने का प्रोग्राम बनाया| नोएडा ज़ी आइ पी माल मे हम लोग मिले| करीब दो घंटे तक हमने बाते की| मुझे वो बंदा अच्छा लगा और उसे भी मे पसंद आया|

फिर उस ने मुझसे पूछा की क्या वो मेरे साथ सुहाग रात मनाना पसंद करेगा और मैने हाँ बोल दिया| उसने कहा की दो दिन बाद वो मुझे शाम के चार बजे ज़ी आइ पी माल के पास मिलेगा|

दो दिन बाद मे घर से ऑफीस टूअर का बहाना बना कर निकला और चार बजे जी आइ पी पहुँच गया| वाहा विशाल अपनी गाड़ी के साथ मोजूद था और फिर हम दोनो देहली की लिए चल दिए|

उसने मुझसे कहा की उसके घर के पास उसका एक ब्यूटी पार्लर है, अगर वो चाहे तो वाहा मेकअप करवा सकते हो| मॅ तैयार हो गया| करीब डेढ़ घंटे बाद हम उसके ब्यूटी पार्लर पहुँच गये| विशाल ने रास्ते मे ही पार्लर फोन कर दिया था और अपनी एक ख़ास स्टाफ(उसका नाम निशा था) को बताया की पार्लर खाली कर ले| उसने सारे स्टाफ की छुट्टी कर दी और पार्लर का शटर डाउन कर दिया|

विशाल ने निशा को बताया की ये मेरा दोस्त राज है और ये एक नाटक मे दुल्हन का रोल कर रहा है और तुम्हे इसे दुल्हन बनाना है| फिर विशाल हमे वाहा छोड़ कर दुल्हन के कपड़े लेने चला गया| निशा ने मुझसे मेरे सारे कपड़े उतारने को कहा(अंडरवेर को छोड़ कर) और मैने अंडरवेर के अलावा सारे कपड़े उतार दिए|

फिर निशा ने मेरे सारे शरीर पर एक लिक्विड लगाया| मैने पूछा तो उसने बताया की वो मेरा फुल बोडी वॅक्स करेगी और एस क्रीम की वजह से मुझे कम दर्द होगा| फिर उसने मेरी वॅक्सिंग शुरू कर दी| उसने मेरे हाथ, पैर, छाती सब जगह से बॉल हटा दिए| मुझे काफ़ी दर्द हुआ पर मॅ सह गया| फिर उसने मुझे कहा की नहा कर आ जाओ|

बाथ रूम पार्लर मे ही था| मे बाथ रूम मे घुश गया| बाथ रूम मे वीट हेयर रिमूवर क्रीम रखी थी| मैने अपना अंडर वेर उतारा और अपने आगे और पीछे के सारे बाल साफ कर लिए और नहा कर अंडर वेर पहन कर बाहर आ गया|

अब निशा ने मेरी पूरी बॉडी पर एक क्रीम लगाई| मेरी पूरी बॉडी चिकनी हो गयी| फिर निशा ने मेरा दुल्हन का मेक अप शुरू किया| एस पूरे काम मे करीब दो घंटे लगे| तभी विशाल दुल्हन की ड्रेस लेके आया और
बोला की इसे पहन लो| निशा मेरी हेल्प करना चाहती थी तो मैने मना कर दिया और दूसरे रूम मे जाकर ड्रेस पहनने लगा| सबसे पहले मैने साटन नेट की स्ट्रीप वाली पॅंटी और ब्रा पहनी और फिर दुल्हन वाला लहनगा और चोली|

फिर मैने निशा को अपनी हेल्प के लिए बुलाया| बाकी का काम उसने कर दिया| अब मे दुल्हन बनके तैयार था| विशाल ने अपनी कार पार्लर के गेट पर लगाए और मे उसमे बैठ गया| पाँच मिनट बाद हम लोग विशाल के घर पर थे|

उसने सब नौकरो की छुट्टी कर दी थी| कार सीधे गैराज मे जाके रुकी| हम लोग गैराज से होते हुए विशाल के बेडरूम मे पहुँचे| पूरा बेडरूम फूलो से महक रहा था| हमारी सुहाग सेज तैयार थी| मॅ जाकर बिस्तर पर बैठ गया| विशाल भी मेरे पास आकर बैठ गया और मुझे सीने से लगा लिया| मेरी धड़कने तेज होने लगी|

विशाल ने मेरा दुपट्टा उतार दिया और मेरे गालो और गर्दन को किस करने लगा| फिर वो मेरे लिप चूसने लगा| करीब पाँच मिनट तक हम एक दूसरे के लिप चुस्ते रहे| हम दोनो की साँसे गरम होने लगी और हम दोनो एक दूसरे की गरम सांसो को महसूस कर रहे थे|

विशाल कॆ हाथ धेरॆ धेरॆ मॆरॆ जिस्म कॊ सह्लानॆ लगॆ. और फिर उसनॆ मॆरॆ जिस्म सॆ चॊलि कॊ उतार दिया | अब वॊ ब्रा कॆ उपर सॆ ही मॆरॆ बोब्स कॊ सह्लानॆ लगा | फिर उसनॆ मॆरी ब्रा कॊ भी उतार दिया और दीवानॊ की तरह् मॆरॆ बोब्स कॊ चुसनॆ लगा | मै मधहॊश हॊनॆ लगा था | मैनॆ विशाल कॆ बालॊ कॊ कस कर पकद् लिया |

फिर विशाल नॆ मॆरा लॆह्गा भी उतार दिया और मॆरॆ पुरॆ जिस्म कॊ चुमनॆ लगा | अब उसनॆ मॆरी पॅंटी भी उतार दी | मैनॆ भी विशाल कॆ सारॆ कपड़े उतार दिये अब हम दॊनॊ पूरॆ नगॆ थॆ | विशाल नॆ मुझॆ पेट कॆ बल लिटा दिया और मॆरॆ पुरॆ जिस्म कॊ चुमनॆ लगा | उसनॆ अपनॆ दॊनॊ हाथॊ सॆ मॆरॆ चुत‌दॊ कॊ फैलाया और मॆरी गान्द् कॆ हॊल कॊ चातने ल‌गा |

मॆरे पुरॆ जिस्म मॆ वासना की आग भदक गई और मै चुदनॆ कॊ बेकरार हॊनॆ लगा | फिर विशाल नॆ ऐक क्रीम ली और अपने लंड पर लगानॆ लगा | फिर उसनॆ वही क्रीम मॆरी गान्द पर भी लगायी और अपनी उंगली से मॆरे छॆद कॆ अन्दर भी क्रीम को लगाने लगा | क‌रीब दो मिनत तक मेरी गान्द मे उंगली करने के बाद विशाल ने अपना लन्द मेरी गान्द पर लगाया और धेरे धेरे धक्कॆ मारने लगा |

विशाल का 6 इंच का लॅंड एकदम सखत था | और वो कोई जल्दबाज़ी भी नही कर रहा था | उसका लॅंड मेरी गांद के छेद से फिसल रहा था | फिर मैने अपने दोनो हाथ पीछे ले जा कर अपने दोनो चूतड़ फैला दिए और विशाल ने अपना लंड मेरे छेद पर टिका दिया | और धीरे धीरे पुश करने लगा |

विशाल के लॅंड का सुपाड़ा मेरी गांद मे घुस गया और मेरे जिस्म मे दर्द की एक लहर दौड़ गयी | विशाल ने घुसाना बंद कर दिया और मेरे चूतादो को मसलने लगा | अब मेरा दर्द कम हो गया था और विशाल ने फिर धीरे धीरे घुसाना शुरू कर दिया | अब मुझे कम दर्द हो रहा था और करीब दो मिनट मे विशाल का पूरा लॅंड मेरी गांद मे था | अब वो धीरे धीरे धक्के मरने लगा |

अब विशाल ने अपने हाथ आगे लाकर मेरे बूब्स को दबाने लगा और मेरी कमर को किस करने लगा | मुझे असीम आनंद की अनुभूति हो रही थी और मैने अपनी गांद को हिला हिला कर छुधना शुरू कर दिया |

करीब पाँच मिनट बाद विशाल ने अपने धक्को की स्पीड बढ़ा दी | मे समझ गया की अब वो झड़ने वाला है और करीब एक मिनट बाद ही विशाल ने अपने लॅंड से पिचकारी छोड़ दी | वो करीब एक मिनट तक पिचकारी छोड़ता रहा |

उसका गरम गर्म वीर्य मेरी गांद की गर्मी को ठंडा करता रहा | उसने अपने वीर्य से मेरी गांद का कुआ लबालब भर दिया और आंनद की वजह से मेरी आँखे बंद हो रही थी | अब वो मेरी पीठ पर ही लुढ़क गया |
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था | करीब दो मोनट तक हम ऐसे ही लेते रहे | अब विशाल का लॅंड सिकुड कर मेरी गांद से बाहर आने लगा | मुझे अपनी गांद मे विशाल का वीर्य भरा हुआ महसूस हुआ |

फिर मे उठकर बाथ रूम मे गया और अपनी गांद को धो ने लगा | मेरी गांद से विशाल का वीर्य निकलता ही जा रहा था और मे अपनी गांद को सॉफ कर के बाहर आ गया | विशाल ने भी बाथ रूमे जा कर अपने लॅंड को सॉफ किया और हम फिर बेड पर आ गये और एक दूसरे की बाहो मे समा गये | करीब दस मिनट बाद विशाल ने फिर मुझे किस करना शुरू किया और मेरे बूब्स को चूमने लगा |

फिर उसने मेरी टाँगो को उठा कर मेरे गांद के छेद को चाटना शुरू कर दिया | मुझे बहुत मज़ा आ रहा था | करीब दस मिनट तक मेरी गांद चाटने के बाद विशाल कमर के बल बेड पर लेट गया | अब मे उठा और विशाल के लॅंड को किस करने लगा | मैने विशाल के सुकड़े हुए लॅंड को मूह मे ले कर चूसना शुरू कर दिया | करीब तीन मिनट बाद उसका लॅंड बड़ा होने लगा और जल्दी ही चुदाई के लिए तैय्यर हो गया | इस बार विशाल ने मुझे कमर के बल बेड पर लिटाया और मेरे गांद के नीचे एक तकिया लगा दिया |

अब उसने क्रीम उठाई और मेरी गांद पर लगाने लगा और कुछ क्रीम अपनी उंगली से मेरे छेद मे भी लगा दी | फिर उसने क्रीम को अपने लॅंड पर भी लगाया | अब उसने मेरे दोनो पैर उपर उठाए और अपना लॅंड मेरी गांद मे डालने लगा | इस बार लंड आराम से घुस गया | अब विशाल ने स्ट्रोक लगाने शुरू किए और साथ ही साथ मेरे बूब्स भी दबाने लगा | मुझे बहुत मज़ा आ रहा था | मे भी नीचे से अपनी गांद हिलाने लगा |

अब विशाल ज़ोर ज़ोर से स्ट्रोक लगाने लगा | उसका लॅंड मेरी गांद की गहरायो को चीरता हुआ मेरी आत्मा तक जा रहा था और मेरे अंदर की औरत को अपार संतुष्ती मिल रही थी | करीब दस बारह मिनट बाद विशाल के

स्ट्रोक की स्पीड बढ़ गयी | गांद चुद्ने की फट फट की आवाज़ कमरे मे गूँज रही थी | और फिर विशाल का लावा फुट गया | उसके लॅंड का वीर्य मेरी गांद की कटोरी को भरने लगा | विशाल के वीर्य ने मेरी गांद की आग को शांत कर दिया | कमरे मे हवस का तूफान आ कर गुजर चुका था |

कामुक राज की दूसरी सुहागरात की हिंदी समलैंगिक कहानी!

वासना की आग मे जलते हुए हमारे बदन अब शांत हो चुके थे | विशाल को पसीना आ गया था और मैने उसके गीले बदन को अपने शरीर से चिपका लिया | करीब पाँच मिनट तक हम ऐसे ही पड़े रहे और फिर बाथ रूम मे जा कर अपने अपने बदन को सॉफ कर के बेड रूम मे आ गये और नंगे ही एक दूसरे की बाहो मे लुढ़क गये |

करीब आधे घंटे बाद विशाल उठा और अलमारी से निकाल कर मुझे एक पाँच पीस की नाइटई दी | मैने उसे पहन लिया और विशाल ने भी अपने कपड़े पहन लिए और फिर हम दोनो ने डिनर किया |

उसके बाद हमने रात को दो बार और फिर अगले दो दिन तक अपनी सुहाग रात मनाई | इन दो दिनो मे मेरे अंदर की औरत पूरी तरह संतूस्त हो चुकी थी और फिर मे अपने घर वापस लॉट आया |

कृपया अपना फीडबैक जरूर दें !

आप अपने सन्देश मुझे इस मेल पर भेज सकते हैं- [email protected]

आपके मेल के इंतजार मे, आपका अपना राज शर्मा |

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