चुदाई की कहानी ग्रुप में गे दोस्तों की: 3

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सेक्सी गे कहानी: हैलो दोस्तो, मैं रतन दत्त एक बार फिर से सेक्स कहानी का अगला भाग लेकर आपके सन्मुख उपस्थित हूँ.
अब तक आपने पढ़ था कि किस तरह से कमल ने सुमेर के साथ शादी की और अपनी समलैंगिक जिंदग़ी बिताने लगा.

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इससे पहले आपने पढ़ा था कि योगेश तीन लड़कों की सांझी पत्नी बनकर रहने को तैयार हो गया था.

उन तीनों लड़कों में से एक का फार्म हाउस था. योगेश को उस फार्म हाउस में दस हज़ार की सैलरी की नौकरी मिली. बाकी दोनों लड़के भी योगेश को दस दस हज़ार हर माह देने वाले थे.
उनकी गे जिंदगी में क्या हुआ आइए जानते हैं.

कमल और सुमेर के सुखद जीवन की जानकारी ले लेने के बाद मैंने कमल से पूछा कि तुम्हारे उस दोस्त योगेश के क्या हाल है? मैं उससे मिलकर, उसके जीवन की कहानी भी लिखना चाहता हूँ.

कमल ने योगेश से मेरी मुलाकात कराई, लम्बी बातचीत के बाद योगेश की कहानी लिख रहा हूँ.

योगेश की कहानी, योगेश की जुबानी सुनें तो ज्यादा रस आएगा.
हैलो दोस्तो मैं योगेश, गांव में रहता था. मेरे माता पिता दूसरे के खेत में मजदूरी करते थे. मैं दसवीं तक पढ़ा था.

जब मैं किशोर वय का था, तब सेक्स के बारे में जानने को उत्सुक था.
मेरा एक हमउम्र दोस्त था, उसके साथ में हस्तमैथुन करता था.
एक दिन मैं ज्वार के खेत के पास से जा रहा था, मुझे कुछ आवाज सुनाई दी.

मैंने जाकर देखा कि ज्वार के बड़े पौधों के पीछे, मेरा दोस्त उल्टा होकर नंगा लेटा है और गांव का दबंग लड़का नंगा, उसके ऊपर लेटकर अपनी कमर हिला रहा है.
एक अन्य दूसरा लड़का पहरा दे रहा था.

मैं चुपचाप वापस आ गया.
दूसरे दिन मैंने अपने दोस्त से पूछा कि कल तुम उधर खेत में औंधे लेट कर क्या कर रहे थे?

उसने बताया कि वह गांड मरवा रहा था. पहली बार थोड़ा दुखता है, पर अगली बार से मजा आता है.
मैंने उसकी बात से हैरानी जताई तो वो मुझे बातरतीब सब कुछ बताने लगा.

मेरा दोस्त मुझे उसी जगह ले गया. उसने मेरे कपड़े उतार दिए और खुद भी नंगा हो गया.
मुझसे लिपटकर मुझे चूमने लगा.
मेरे निप्पल मरोड़ने लगा.

मेरा 3 इंच का लंड खड़ा हो गया.
मुझे मजा आ रहा था.
दोस्त ने अपने 3 इंच के पतले से लंड पर तेल लगाया. मुझे उल्टा लिटाकर अपना लंड मेरी गांड में डालने लगा.

मुझे थोड़ा दर्द हुआ.
फिर दोस्त ने अपना पूरा लंड डाल दिया और कमर हिलाकर लंड मेरी गांड में अन्दर बाहर करने लगा.
कुछ ही देर बाद मुझे बड़ा मजा आ रहा था.

थोड़ी देर बाद उसने मेरी गांड वीर्य से भर दी.
दोस्त ने पूछा- मजा आया?
मैंने कहा- हां बहुत मजा आया.

दोस्त ने कहा- कल मैं उन लड़कों को बुला लूंगा, जो मेरी गांड मारते हैं. उनका लंड बड़ा है, तुमको ज्यादा मजा आएगा.
दूसरे दिन मेरा दोस्त मुझे खेत में उसी जगह ले गया, उधर वही दो दबंग लड़के इन्तजार कर रहे थे.

दोनों हमसे उम्र में बड़े थे और हट्टे कट्टे थे.
एक लड़का मुझे चूमने लगा, दूसरा मेरे दोस्त को.
उन्होंने अपने और हम दोनों के कपड़े उतार दिए. हमें उनका लंड चूसने को कहा.

मेरा दोस्त घुटनों के बल बैठ गया और एक लड़के का लंड चूसने लगा.
मैं झिझक रहा था, दोस्त बोला- लंड चूसकर देख, बड़ा मजा आएगा. तूने नहीं चूसा तो ये लोग तुझे बेल्ट से मारेंगे.

मैंने देखा कि दूसरे लड़के के हाथ में बेल्ट थी. वह मुझे अपना लंड चूसने का इशारा कर रहा था.
मैं उसका मुरझाया लंड चूसने लगा. पहले घिन आयी, पर बाद में मजा आ रहा था. उस लड़के का लंड धीरे धीरे खड़ा हो गया.

मैंने देखा, उसका लंड मेरे दोस्त के लंड से दो गुना लम्बा और मोटा था. करीब 6 इंच का मोटा लंड था.
वह लड़का मुझसे बोला- उल्टा लेटकर पैर फैला ले, अब और मजा करेंगे.

मैं उसका बड़ा लंड देखकर डर गया था, मैं हाथ जोड़कर गिड़गड़ाने लगा- इतना बड़ा लंड मैं गांड में नहीं ले सकूंगा, मुझे जाने दो.
उस बड़े लंड वाले लड़के ने मेरे कपड़े उठा लिए और कहा- तो नंगा ही घर जा.

मैं कातर भाव से उसे देखने लगा.
उसने बेल्ट हाथ में लेकर कहा- मार खाने के बाद जा सकता है.

मेरे दोस्त ने कहा- तू डर मत, मैंने यह लंड बहुत बार लिया है. लेटकर अपनी गांड ढीली कर, मैं तेरी गांड तैयार करता हूँ.
मैं उल्टा लेट गया, मेरे दोस्त ने अपनी दो उंगलियों में तेल लगाया और मेरी गांड में अन्दर बाहर करने लगा.

पहले थोड़ा दुखा, फिर मजा आने लगा.
दोस्त बोला- गांड ढीली ही रखना.

अब बड़े लंड वाले ने अपने लंड पर तेल लगाया. इधर मेरे दोस्त ने मेरे दोनों कूल्हे दोनों हाथों से पकड़कर गांड के छेद से दूर कर दिये.
बड़े लंड वाले ने एक ही झटके में अपना पूरा लंड मेरी गांड में डाल दिया और मेरे ऊपर लेट गया.

मुझे जोर का दर्द हुआ. मैं हिल भी नहीं पा रहा था.
मैं रोकर कहने लगा- कृपया लंड बाहर निकाल लो.
उस लड़के ने मुझे नहीं छोड़ा.

मेरा दोस्त मेरे पास लेट गया, उसने अपने कूल्हे अपने हाथों से फैला दिए.

पहला लड़का अपने लंड पर तेल लगा रहा था. उसका लंड भी काफी बड़ा था.
उसने मेरे दोस्त की गांड में लंड डाला और उसकी गांड मारने लगा.
मेरा दोस्त मजे से गांड मरवा रहा था.

इधर मेरा दर्द थोड़ा कम हो गया था. मुझे दोस्त को देखकर हिम्मत आयी. मैंने अपने पांव और ज्यादा फैला दिए.
मेरे ऊपर लेटा लड़का धीरे धीरे मेरी गांड मारने लगा, मुझे दर्द मिश्रित मजा आ रहा था.

उस लड़के ने अपनी गति बढ़ा दी.
थोड़ी देर में उसने मेरी गांड वीर्य से भर दी. वीर्य से मेरी गांड की जलन कम हुई. मेरा दोस्त अपनी गांड मरवाकर मेरा इंतजार कर रहा था.

उसने मुझे हाथ पकड़कर खड़ा किया, मेरी गांड में अभी भी दर्द और जलन हो रही थी. हमने कपड़े पहने, मुझे चलने में तकलीफ हो रही थी.
मैं पांव फैलाकर चल रहा था.

दो दिन बाद मेरी गांड का दर्द ठीक हो गया. मेरी गांड लंड लेने के लिए कुलबुलाने लगी.
मैंने अपने दोस्त को बताया. फिर तो मैं और दोस्त उन लड़कों के साथ खेत जाते और गांड मरवाते.

बाद में कुछ और लड़के भी इस खेल में शामिल हो गए.

तीन चार लड़के एक के बाद एक हमारी गांड मारते … इससे मैं काफी देर तक गांड मरवाने का अभ्यस्त हो गया था. अब एक अकेले से गांड मरवाने में मेरी तृप्ति नहीं होती थी.

गांव में काम कम था, घर में पैसे की जरूरत थी. मैंने कम उम्र में गांव छोड़ दिया और इस शहर में आकर एक छोटे ढाबे में काम करने लगा.
कुछ रूपए बचा कर मैं गांव भेज देता.

उस ढाबे में रोज 21 -22 साल के दो लड़के खाना खाने आते थे, मेरी उनसे पहचान हो गयी.
मैं खाना बनाता और ग्राहकों को देता भी था.

एक दिन उन लड़कों ने पूछा कि मुझे कितनी तनख्वाह मिलती है. मैंने बताया 4000 रुपए और खाना.
मैं रात को ढाबे में ही सोता था.

अगले दिन दोनों लड़कों ने कहा कि तुम हमारे फ्लैट में रह सकते हो. हम दोनों के लिए चाय, नाश्ता, खाना बनाना और खुद भी खाना, हम तुम्हें 8000/- देंगे.
मैं उनके फ्लैट में रहने लगा.

फ्लैट दो बेड रूम का था. वह दोनों लड़के अपने बेड रूम में सोते, मैं ड्राइंग रूम में सोता.
मेरे बनाए खाने की वो लोग तारीफ करते. अच्छा खाना खाने से मेरा बदन भर गया.

मुझे गांव के लड़कों की याद आती, जो मेरी गांड मारते थे.
मुझे गांव छोड़े एक साल हो गया था. जब खुजली ज्यादा होती, मैं अपनी गांड में मोमबत्ती डालकर अपनी गांड खुद मार लेता.

एक रात जब मैं गांड में मोमबत्ती डालकर मजे ले रहा था, मैंने देखा कि एक लड़का मुझे देख रहा है. मैंने चादर ओढ़ ली और सोने का नाटक करने लगा.

दूसरे दिन शाम को दोनों लड़कों ने मुझसे कहा- तुम एक बीवी की तरह अच्छा खाना और घर की देखभाल करते हो. बस एक कमी है, रात को हमारी बीवी बन जाओ, हमारे साथ ही सोओ.

मैंने मतलब समझकर शरमाकर मुस्कुरा दिया और सर झुका लिया.
दोनों ने तैयारी कर रखी थी. उन्होंने मेरी मांग में सिन्दूर लगा दिया. शादी की पार्टी मनाने के लिए व्हिस्की की बोतल और चखना निकाला.
तीन गिलास में शराब डाली.

मैंने शराब पहली बार पी, मुझे जल्दी नशा आ गया.

उनमें से एक बोला- मैं उम्र में बड़ा हूँ, पहले सुहागरात मैं मनाऊंगा.
वह लड़का मुझे अपने बेडरूम में ले गया. मुझे चूमने लगा. उसने मेरे कपड़े उतार दिए, खुद भी नंगा हो गया.

मुझे बिस्तर पर लिटा दिया, अपने लंड पर उसने कंडोम लगा लिया.
मैं पेट के बल पैर फैलाकर लेट गया, जैसा मैं गांव में करता था.
उस लड़के ने अपना पूरा लंड मेरी गांड में एक झटके में डाल दिया और मेरी गांड मारने लगा.

थोड़ी देर में वह कंडोम में झड़ गया. दूसरे लड़के ने भी मेरी गांड मारी.
दोनों ने उस रात दो दो बार मुझे चोदा. मैं तृप्त होकर सो गया.
करीब हर रात दोनों मेरी गांड मारते.

एक रात हम तीनों ने बीडीएसऍम वीडियो देखा.
वो दोनों कहने लगे कि चलो करके देखते है, मैं भी राजी हो गया. वो दोनों मेरे पति थे, मेरा अच्छा ख्याल रखते थे.

मैंने कहा- ज्यादा तकलीफ हुई तो मेरे बोलने पर रुक जाना.
दोनों लड़कों ने मुझे खड़े होकर, पलंग पर हाथ रखकर झुक जाने को कहा.

मैं झुककर खड़ा हो गया.
वो बेल्ट से धीरे धीरे से मेरे कूल्हों पर मारने लगे, मुझे मार खाने में मजा आ रहा था. फिर मेरी घमासान चुदाई हुई.

उसके बाद मुझे कई बार बांधकर चोदा जाता, जिसमें मुझे बेहद सुकून मिलता.
लड़कों को सुमेर, कमल के गे क्लब के बारे में पता चला, जिसमें गांड मारने/मरवाने की कला की जानकारी मिलती है.

वह मुझे गे क्लब ले गए.
मेरे दोनों पति ने कमल से पूछा कि क्या वह बिना कंडोम के सुरक्षित यौन कर सकते हैं?

कमल ने गांड को पिचकारी में पानी भरकर साफ़ करना सिखाया. क्लब में लड़के अलग अलग आसन में सेक्स कर रहे थे, हमने वह सब सीखा.
फिर कमल ने एक डॉक्टर का पता दिया, जिधर हमें अपनी यौन जांच करवानी थी.

डॉक्टर ने तीनों की जाँच और खून टेस्ट करने के बाद बताया कि हमें कोई बीमारी नहीं है.
अब वो दोनों बिना कंडोम के मेरी गांड मारते. गांड में उनका वीर्य भरने से अलग मजा आता.

कभी मैं उनका लंड चूसकर उनका वीर्य पी जाता.
चार महीने बाद, उन लड़कों के दो दोस्त इनके साथ रहने को आए.
उनकी भी डॉक्टरी जाँच हुई.
मैं अब चारों की बीवी बन गया.

दो नए लड़के भी मुझे हर महीने रूपए देते.
मेरे बैंक में काफी रूपए जमा हो गए, मैं घर पर भी ज्यादा रूपए भेजने लगा.

चारों सलाह करके मुझे ब्यूटी पार्लर ले गए. उधर ले जाकर वैक्सिंग से मेरे शरीर के अनचाहे बाल निकाल दिए, मेरा बदन चिकना हो गया.
मुझे हर 4 महीने बाद वैक्सिंग करानी होती थी, वैक्सिंग में दर्द भी होता था.

अब मेरी गांड वो चारों मारते, मैं ड्राइंग रूम में नंगा सोता था.
रात को किसी की नींद खुल जाती और वह मूड में होता, तो मेरे ऊपर चढ़ जाता. शाम को चारों के आने के बाद, मैं लड़कियों के कपड़े पहन लेता.

मेरी चूचियां रोज दबाये जाने और चूसने से और बड़ी हो गई थीं.
उनकी साप्तहिक छुट्टी रविवार को होती. शनिवार की रात हमारा बीडीअसऍम का खेल होता.

चारों लंड निकालकर कुर्सी पर बैठकर शराब पीते, मैं कुतिया की तरह चलकर सबके पास जाती. बारी बारी से उनका आधा लंड मुँह में लेकर चूसती.
वो लोग मुझे बेल्ट से मारकर कहते कि पूरा लंड गले तक लेकर चूस.
मैं उनका वीर्य पी जाती.

शनिवार की रात वीर्य ही मेरा खाना था. वह लोग शराब में मूत मिलाकर मुझे देते, मैं ख़ुशी से पी जाती.
एक लड़का पलंग पर लेट जाता, मैं उसके लंड पर तेल लगाकर लंड अपनी गांड में लेकर उछलती.

सेक्सी गे कहानी मेरी मज़ेदार चुदाई की

फिर दूसरा लड़का मेरी गांड में अपना लंड डाल देता. दो दो लंड एक साथ मेरी गांड में जाने से मैं दर्द से चीखता.
उनको मेरी चीख से मजा आता.

बाकी दो लड़के मेरी चूचियां दबाते, निप्पल मरोड़ते. कभी बेल्ट से मारते.
चारों दो दो बार मेरी गांड मारते. आठ बार चुदने से मेरी हालत ख़राब हो जाती, पर मजा भी आता.
ऐसे ही दो साल निकल गए.

एक शाम उन्होंने बताया, जिस प्रोजेक्ट के काम से चारों इस शहर में आए हैं, वह पूरा हो गया है.
चारों एक महीने बाद अपने शहर वापस चले जाएंगे.

वो मुझे अपने साथ उनके घर नहीं ले जा सकते थे, इसका उन्हें भी दुख था.
मैंने कमल को सब बताया कि मुझे नए टॉप साथी की जरूरत है.

कमल ने 25-26 साल के तीन युवकों से मुझे गे क्लब में मिलाया, जो आपने भाग एक में पढ़ा था.
मैं तीन युवको की सांझी बीवी बनने को राजी हो गया. एक युवक के फार्म हाउस में रहने चला गया. तीनों युवक शादीशुदा थे.

उनके साथ मैंने अपनी सेक्स लाइफ कैसी बिताई वो मैं गे सेक्स कहानी के गले भाग में लिखूँगी.
आपको यह कहानी कैसी लगी, जरूर लिखें.
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