चुदाई की कहानी ग्रुप में गे दोस्तों की: 4

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हिंदी चुदाई कहानी: भाग 3 में आपने पढ़ा था कि योगेश कमल के गे क्लब में तीन जवान युवकों से मिला और उनकी सांझी बीवी बनकर उनके फार्म हाउस पर पर रहने को राजी हो गया.
योगेश की फार्म हाउस की जिंदगी, योगेश की जुबानी सुनिए.

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हैलो मैं योगेश … फार्म हाउस के पीछे माली का घर था, माली अपनी पत्नी के साथ रहता था.
माली की पत्नी फार्म हाउस की सफाई करती थी. मुझे फार्म हाउस के ग्राउंड फ्लोर में एक कमरा रहने को मिला.

जब फार्म हाउस में तीनों लड़के अपनी पत्नियों के साथ आते, तब फर्स्ट फ्लोर में ठहरते. फर्स्ट फ्लोर में किचन था, मैं उनके लिए खाना बनाता.
फार्म हाउस के मालिक का नाम अनिकेत था.

अनिकेत मुझे जाँच के लिए डॉक्टर के पास ले गया कि मुझे कोई यौन रोग तो नहीं है.
मेरे शरीर की जाँच हुई. मैंने अपने खून के नमूने चैक करने के लिए दिए.

डॉक्टर की रिपोर्ट 2 दिन बाद आयी कि कोई रोग नहीं है.
पर तब भी डॉक्टर 3 महीने बाद फिर जाँच करने वाला था. ये निश्चित करने के लिए कि मुझे वास्तव में कोई यौन रोग नहीं है.

मुझे इन तीन महीनों में फार्म हाउस से बाहर जाना मना था और मैं कोई मेहमान नहीं बुला सकता था.

मेरा शारीरिक संबंध किसी से न हो इसलिए यह इंतजाम किया गया था.
अनिकेत ने कहा- तीन महीने बाद डॉक्टर की फाइनल रिपोर्ट के बाद ही हम तीनों तुमको सांझी बीवी बनाएंगे. तब तक तुम कसरत से अपने शरीर को लचीला बनाओ.

मेरे शरीर के अनचाहे बाल एलेक्ट्रोसिस से निकलवा दिए गए. ब्यूटीशियन ने त्वचा कोमल बनाने के लिए क्रीम दी. मुझे ब्रेस्ट पंप भी दिया गया, रोज मुझे ब्रेस्ट पंप लगाकर काफी देर रखना था. तीन महीने में मेरे चूचे 34-बी नाप के हो गए.

मैंने अपने आपको आईने में नंगा देखा, मैं सुन्दर युवती के समान दिख रहा था. फर्क इतना ही था कि मेरे पास चूत की जगह मेरा छोटा सा लंड था.
मेरे बाल भी बड़े हो गए.

तीन महीने बाद फिर से डॉक्टर ने जांच की और बताया कि मुझे यौन रोग नहीं था.
अगली शाम तीनों लड़के फार्म हाउस में आए. रात को तीनों रुकने वाले थे.

आज मैं तीनों की पत्नी बनने वाला था. मैंने खाना बनाया, तीनों शराब पीने बैठे.
अनिकेत ने मुझे गुलाबी ब्रा पैंटी, गुलाबी हाफ पैंट और बिना बांहों वाली टी-शर्ट दी थी.

मैं यह पहनकर उनको शराब परोस रहा था. मैंने अपनी गांड की अन्दर से सफाई भी करके रखी थी. मुझे आज तीन महीने के बाद लंड मिलने वाले थे.
अनिकेत ने मेरी टी-शर्ट और पैंट उतार दी. मैं ब्रा-पैंटी में खड़ा था. मेरे चिकने बदन पर उभरे 34 बी के चूचे देखकर तीनों खुश हो गए.

बारी बारी से तीनों मुझे अपनी जांघ पर बिठा रहे थे. मेरी जांघ और बदन सहला रहे थे, चूचे दबा रहे थे.
वो सब अपने अपने गिलास से मुझे शराब पिला रहे थे. जल्द ही मेरी ब्रा पैंटी भी उतार दी गई थी.

मैं बहुत खुश थी, इतने महीनों बाद मुझे गांड मरवाने का आनन्द मिलने वाला था.
तीनों लड़के भी नंगे हो गए. मुझे घेरकर खड़े हो गए. वो मेरे चूचे चूस रहे थे, मेरे कूल्हों पर हाथ फेर रहे थे, मेरे अंग चूस रहे थे.

उन्होंने मुझसे अपने लंड चूसने को कहा. मैं कालीन पर घुटनों पर बैठ गई और बारी बारी उनके लंड चूसने लगी.
वह लोग मेरा सर पकड़कर मेरे गले तक लंड डालकर मेरा मुँह चोदने लगे.

सभी मेरे मुँह में झड़ गए. मैंने बड़े चाव से उनका वीर्य पी लिया.
दूसरा पैग शुरू हुआ. अब वो तीनों सोफे पर बैठे थे.
थोड़ी देर में तीनों ने मुझे उनका लंड चूसने को कहा. मैं कुत्ते की तरह चलकर उनके पास गया और बारी बारी से उनका लंड चूसने लगा.

तीनों का लंड 5-6 इंच लम्बाई के थे. तीनों के लंड खड़े हो गए.
अब मुझे कुतिया की तरह पलंग के किनारे खड़ा किया गया.
तीनों ने अपने लंड पर तेल लगाया. तीनों बारी बारी मेरी कमर पकड़कर मेरी गांड मार रहे थे और रबर चढ़े स्केल से मेरे कूल्हों और पीठ पर मार रहे थे.

मुझे बहुत मजा आ रहा था, मैं अपने कूल्हे हिलाकर उनका साथ दे रहा था.
मेरा लंड खड़ा नहीं हुआ, पर मैं झड़ गया. वो तीनों भी मेरी गांड में झड़ गए.

हम गांड, लंड धोकर आए. साथ में खाना खाया और नंगे ही सो गए.
सुबह मैं जल्दी उठा, फ्रेश होकर चाय बनाई.
अपने तीनों पतियों को उनके लंड सहलाकर, चूसकर उनको जगाया.
उन्होंने चाय पी.

एक पति बोला- चलो योगेश तुम्हें मूत्र स्नान कराते हैं.
तीनों ने मुझे बाथरूम के फर्श पर बैठाया और मेरे ऊपर मूतने लगे.
एक बोला- मुँह खोलो.
मैंने खोल दिया.

कुछ मूत मैं पी रहा था, बाकी मेरे शरीर पर गिर रहा था.
उसके बाद मैंने स्नान किया.
मैंने कपड़े पहने, तीनों पतियों के साथ नाश्ता दिया.

तीनों ने मुझसे कहा- जब तुम हमारे साथ होंगे, हम तुम्हें योगेश नहीं, योगिता के नाम से बुलाएंगे. तुम तब लड़कियों के कपड़े पहनना.
मैं बोला- जब मैं आप लोगों के साथ होता हूँ, तो मैं खुद को लड़की ही समझता हूँ.

इसके बाद से कभी मेरा एक पति आता, कभी दो आते, कभी तीनों. आने से पहले मुझे फ़ोन कर देते, मैं लड़कियों के कपड़े, गहने, मेकअप करके फर्स्ट फ्लोर के बेड रूम में योगिता बनकर इन्तजार करती.
दरवाज़े पर सेल्फ लॉक था, पति चाबी से दरवाज़ा खोलकर आते.
यौन क्रीड़ा करते और लौट जाते.

मेरे तीनों पति मुझसे प्यार से पेश आते मेरी ख़ुशी का ख्याल रखते.
जब किसी की पत्नी मायके या शहर से बाहर जाती, वो पति अपनी रात मेरे साथ ही बिताता.
एक दिन अनिकेत, जिसका यह फार्म हाउस था, मुझसे बोला कि मैंने अपनी पत्नी की गांड मारने की कोशिश की, तो उसने मना कर दिया.

मैंने तरंग में आकर कह दिया कि कोई बात नहीं, मैं योगेश की गांड मार लूंगा.
मेरी पत्नी ने शांति से पूछा कि क्या योगेश को इसीलिए फार्म हाउस में रखा है, कोई बीमारी तो नहीं होगी?

मैंने उसे सब बता दिया कि कैसे योगेश की डॉक्टर ने जाँच की थी और हम तीनों दोस्त उसके साथ यौन आनन्द लेते हैं.
अनिकेत की बात सुनकर मैं चुप रहा.

अनिकेत ने आगे कहा कि हम तीनों दोस्तों ने अपनी अपनी बीवियों से वायदा किया है कि हम किसी और स्त्री से शारीरिक संबंध नहीं रखेंगे. बीवियों ने भी वादा किया है कि वह किसी पर पुरुष से संबंध नहीं रखेंगी. हम तीनों दोस्तों की पत्नियां अपनी गांड मारने नहीं देतीं, न ही पति का वीर्य पीती हैं, न ही मूत्र स्नान करने देती हैं. इस कमी को पूरा करने योगेश तुम्हें हम यहां लाये हैं.

कुछ दिनों बाद तीनों दोस्त और उनकी पत्नियां, अनिकेत की पत्नी का जन्म दिन मनाने फार्म हाउस में आए.
खाना पीना चला.
मैंने शानदार खाना बनाया और उनको परोस रहा था. सबके सामने मैं ऐसे कपड़े पहनता, जिससे मेरे बड़े स्तन और ब्रा नहीं दिखे.

उस दिन खाना परोसते समय एक चम्मच जमीन पर गिर गई. मैं जब उसे उठाने झुकी, तो अनिकेत की बीवी ने मेरे बड़े स्तन और ब्रा को देख लिया. उसे लगा कि मैं लड़की हूँ.

अनिकेत का दूसरे दिन फ़ोन आया कि मेरी बीवी को शक हो गया है कि योगेश तुम लड़की हो. वह जिद कर रही है कि मैं उसके सामने तुम्हारे साथ वह सब करूँ … जो अकेले में मैं तुम्हारे साथ करता हूँ. शायद बीवी देखना चाहती है कि तुम लड़का ही है.

उसकी बीवी छुपकर देखेगी. ये सब सुनकर मैं रेडी हो गया.

अनिकेत बोला कि हम लोग शाम को आएंगे, योगेश तुम लड़कियों के कपड़े पहनकर तैयार रहना. मैं बीवी को थोड़ी टेंशन देना चाहता हूँ.
मैं शाम को लड़की बनकर तैयार हो गया. अनिकेत अकेला आया.
उसने धीमे से कहा कि उसकी बीवी बाजू के कमरे में है. वहां से छुपकर देखेगी.

अनिकेत मुझे योगिता नाम से पुकार रहा था. वह मुझे चूमने लगा, मेरे स्तन दबाने लगा.
उसने मेरे कपड़े उतार दिए, मैं ब्रा पैंटी में आ गई.

अनिकेत ने अपने कपड़े उतार दिए, मुझे लंड चूसने को कहा, मैं घुटनों पर बैठकर उसका लंड चूसने लगी.
अनिकेत मेरे गले तक लंड डालकर मेरा मुँह चोदने लगा. मुझे खड़ा करके मेरी ब्रा उतारकर मेरे स्तन चूसने लगा.

फिर अनिकेत ने मुझे पलंग पर हाथ रखकर झुककर खड़ा किया, मेरे कूल्हों पर रबर चढ़ी स्केल से मारने लगा.
मैं आनन्द से सिसकारी ले रही थी. अनिकेत ने लंड पर तेल लगाया, मेरी पैंटी उतारकर मेरी गांड मारने लगा.

मेरा लंड बिना खड़े हुए ही झड़ गया. जब अनिकेत झड़ने के करीब था, मुझे घुटनों पर बिठाकर अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया.
मैं लंड चूसने लगा और अनिकेत का वीर्य पी गया.

अनिकेत मुझे बाथरूम में ले गया. मैं फर्श पर बैठ गया, अनिकेत मुझे मूत्र स्नान करा रहा था. कुछ मूत मैं पी रहा था.

अनिकेत की बीवी बाथरूम के खुले दरवाज़े से सब देख रही थी.
मैं जब बाथरूम से नहाकर नंगा निकला, अनिकेत की बीवी सामने आ गयी.

वह यह जानकर खुश थी कि मैं लड़की नहीं हूँ.

उसने मेरे लंड की तरफ इशारा करके कहा- ये खड़ा नहीं होता क्या?
मैंने कहा- नहीं होता … और उसकी जरूरत भी नहीं है. मैं अपने आपको लड़की ही समझता हूँ.

घर जाकर अनिकेत की पत्नी ने अनिकेत से कहा कि मैंने ख्याल किया है कि जब से योगेश फार्म हाउस में आया है, तुम और तुम्हारे दोनों दोस्त ज्यादा खुश दिखते हो. अपनी पत्नियों के साथ यौन के समय जो जो नहीं कर सकते हो, वह योगेश के साथ करते हो. मुझे कोई आप्पति नहीं है.

मैं सोच रही हूँ, हम तीनों पत्नियां भी क्यों न योगेश से वह सब कराएं, जो करने में पति को मजा नहीं आता. वैसे भी योगेश लड़का नहीं है, उसका लंड खड़ा नहीं होता.

अनिकेत ने अपनी सहमति देते हुए सिर्फ इतना कहा कि योगेश को राजी करना होगा … और एक बात योगेश को जब उत्तेजना आती है, उसकी गांड मचलने लगती है.

अनिकेत की बीवी ने बाकी दोनों दोस्तों की पत्नियों से बात की.
तीनों ने प्लान बनाया.
अनिकेत ने मुझे राजी कर लिया

तीनों पत्नियां फार्म हाउस पहुंची. निर्देश अनुसार मैं हाफ पैंट, टी-शर्ट में तैयार थी.
वो तीनों स्कर्ट ब्लाउज में सोफे पर बैठी थीं. उन्होंने पैंटी नहीं पहनी थी.

उन्होंने मुझे वाइब्रेटर लगा आस प्लग दिया और कहा- लगाकर आओ.
तीनों ने मुझे कुत्ते की तरह चलकर उनके पास आने को कहा.
पास आने पर कहा गया कि स्कर्ट के अन्दर घुसकर उनकी चूत चाटो, चूसो.

मैंने चूत कभी नहीं देखी थी. मुझे कैसे चूत चाटना, चूसना है, उसका वीडियो दिखाया गया.
मैं एक की चूत तब तक चूसता-चाटता, जब तक उसका पानी नहीं निकल जाता.

मैंने उन तीनों का कामरस पी लिया.
एक की चूत चाटने के बाद मेरा पैंट शर्ट उतार दिया गया.

मैंने ब्रा पैंटी में दूसरी की चूत चाटी. तीसरी ने मेरी ब्रा पैंटी निकाल दी.
जब मैं चूत चूसता, वह लोग मेरी गांड में लगा वाइब्रेटर चालू कर देते. इससे मैं और जोश से चूसने लगता.

उसके बाद मुझे बाथरूम में ले जाकर, उनकी चूत में मुँह लगाकर उनका मूत पिलाया गया.
मुझे मजा आया.

तीनों महिलाओं ने मुझसे पूछा- तुमको मजा आया?
मैंने कहा- बहुत, हर बार आस प्लग लगाने की जरूरत नहीं, आप लोग

मेरे चूचे दबाकर, चूसकर भी मुझे उत्तेजित कर सकती हो.
तब से तीनों मेरे चूचे दबाकर, चूसकर, निप्पल मरोड़कर मुझे तैयार करती हैं.

महीने में एक दो बार तीनों आती हैं और चूत चुसवाती हैं.

तीनों पत्नियों ने मेरे चिकने शरीर और चूचों की तारीफ की. उन्होंने मुझे अच्छा मेकअप करना भी सिखाया. मुझे कपड़े गहने दिए, मेरा फेसियल किया.

मुझे लड़की की तरह बात करना सिखाया. तीनों मेरी सेवाओं से खुश थीं. अब वो लोग भी मुझे योगिता नाम से बुलाने लगी थीं.
छह महीने बाद माली ने नौकरी छोड़ दी.

मैंने अनिकेत और उनके दोनों दोस्तों से कहा- मैं दिन रात लड़की के भेष में योगिता बनकर रहना चाहती हूँ.
तीनों राजी हो गए.

नए माली का परिचय मुझसे योगिता के रूप में कराया गया.
कुछ झोल झाल करके मेरा योगिता के नाम से बैंक अकाउंट खोला गया.
आधार कार्ड भी बनवाया.
तब से मैं योगिता बन गयी.

एक बार फार्म हाउस में महिलाओं की किटी पार्टी हुई. मेरा परिचय योगिता, फार्म हाउस केयर टेकर कहकर कराया गया.
कोई समझ नहीं पाया कि मैं लड़की नहीं हूँ.

मैं अपनी जिंदगी से खुश हूँ.
लेखक की कलम से.

हिंदी चुदाई कहानी एक समलैंगिक समूह की

मैंने यह कहानी 2014 में लिखी थी, पर प्रकाशित करने नहीं दी थी. मैं जानना चाहता था कि 5-6 वर्ष बाद, कमल और योगेश की जिंदगी कैसी चल रही है.

मेरा तबादला दूसरे शहर में हो गया. सात साल बाद 2021 में, मैं इस शहर वापस आया.

मैं कमल और सुमेर सिंह से उनकी दुकान में मिला, दोनों पति पत्नी की तरह ही रह रहे हैं, खुश हैं.

कमल ने योगेश को फोन करके योगिता के नाम से बुलाया.
योगिता कार चलाकर आयी, मैं उसको पहचान नहीं पाया.
योगिता खूबसूरत युवती दिख रही थी. उसने मुझे पहचान लिया.

योगिता ने बताया कि वह फार्म हाउस में ही रहती है. तीनों दोस्तों के साथ मजे करती है, उनकी पत्नियों के साथ भी. तीनों दोस्तों को एक एक बच्चा है. बच्चे मुझे योगिता आंटी कहते हैं.

योगिता के जाने के बाद कमल बोला कि मैंने पिछले साल योगिता से पूछा, जब तीनों लड़के और उनकी पत्निया योगिता को गुलाम बनाकर यौन आनन्द लेते हैं, तब योगिता को क्या बुरा नहीं लगता?

योगिता ने कहा कि मुझे मजा आता है. वैसे कौन गुलाम नहीं है, गुलाम मतलब अपनी इच्छा के विरुद्ध काम करना. नौकरी, बिसनेस में बहुत बार इच्छा न होते हुए भी वह काम करना पड़ता है. पति पत्नी के बीच भी घर की शांति के लिया यही होता है. यौन में किसी की पत्नी को जो पसन्द है, सिर्फ वही पति से कराती हैं. ऐसा ही कुछ पत्नियों के साथ होता है.

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