Desi Gay Sex Story: दिल्ली की नौकरी : 7

Indian Gay Sex Story

Desi Gay Sex Story: दिल्ली की नौकरी : 7

Desi Gay Sex Story: हेलो दोस्तों, जैसा के आप सब जानते ही हो के मेरा नाम आशु है, , में हरियाणा के यमुना नगर का रहने वाला हू….!! आप सबने पिछली कहानी दिल्ली की नौकरी: 6 में पढ़ा के कैसे न चाहते हुए भी मैं ग्रुप सेक्स के लिए राज़ी हो गया… सचिन और उसके दो दोस्तों ने मुझे धोखे से थोड़ा नशे वाला सिगरेट पीला दिया और खेल शुरू हो गया… फिर दोनों ने मुझे उठाया, मेरे हाथ अपने अपने कंधे पर लेकर, गोद में उठा कर झुलाते हुए बिस्तर पर ले आये। आरिफ ने मुझे दुबारा सिगरेट दी, मैंने कुछ न न कहा, तो उसने कहा- अबे तेरे लिए ही बड़ी मुश्किल से जुगाड़ कर के लाये हैं.. पी ले मेरे मीठे, तेरी तकलीफ कम करने की दवा है।

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ऐसा कह कर उसने एक लम्बा कश खींचा और.. अपने होंठ मेरे होंटों पर लगा दिए, सहज ही मैंने उसे चूमने के लिए होंट खोले तो उसने पूरा धुआं मेरे मुँह में फूँक दिया। मैंने ने भी तब उसके कश का कश लगा लिया। उसकी इस हरकत से मैं और भी गर्म हो गया।

यह देख सब ने बारी बारी यही करना शुरू कर दिया, सब एक एक कर के कश लेते और किसी दूसरे के मुँह में छोड़ देते। मुझे काफी नशा छाने लगा।

यह देख उन्होंने मुझे इस तरह लिटाया कि मैं पूरा बिस्तर पर पीठ के बल, पर मेरा सिर बिस्तर के कोने से बाहर कुछ इस तरह लटक गया कि मेरा गला और मुँह एक सीध में आ गए। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है।

तब सचिन ने मेरी टाँगें उठा कर मेरे कंधे तक मोड़ दी जिससे मेरी गांड एकदम ऊपर ऊपर और बाहर खुल के आ गई। उसने मेरी गांड के छेद के आसपास चूमना शुरू किया, उसकी इस हरकत से में एकदम पागल हो गया।

इधर निखिल ने बारी बारी से मेरे निप्पल और मेरा लंड चूसने शुरू कर दिए और अपना लंड मेरे हाथ में पकड़ा दिया.. जिसे मैं हिलाने लगा।

अब आरिफ ने अपनी ट्रिक वाली पोजिशन ले ली, वो ठीक मेरे लटके हुए सर के सामने आकर खड़ा हो गया, उसने पहले मुझे चूमा और फिर थोड़ा झुक कर, अपना ढीला पड़ चुका लंड मेरे मुँह में डाल दिया और कहा- जान… अब जैसे तूने सचिन का लंड धीरे धीरे अन्दर लिया था, वैसे ही मेरा भी ले, लम्बी सांस ले और थोड़ा लंड अन्दर ले, फिर लम्बी सांस ले और थोड़ा अन्दर ले।

मैंने उसके कहे अनुसार थोड़ा थोड़ा लंड अन्दर लेना शुरू किया पर फिर भी लगभग 6 इंच के बाद लंड गले के पास अटक गया।

आरिफ – ठीक है.. अब हल्के हल्के चूस !

मैंने चूसना शुरू किया कि उसके लंड का आकार बढ़ने लगा, मेरा पूरा मुँह लगभग भर सा गया था।

उसने धीरे धीरे अपने कड़क होते लंड को मेरे गले के अन्दर डालना शुरू किया, मैं थोड़ा सा छटपटाया तो उसने उन दोनों से कुछ कहा जो मैं सुन नहीं पाया।

सचिन ने मेरी गांड की गोलाइयों को छोड़ सीधे छेद पर आपनी जुबान फिराना, जोर जोर से चूमना शुरू कर दिया। तो निखिल ने मेरा घबराहट के मारे ढीले पड़ चुके लंड को अन्डूओं के साथ मुँह में भर लिया।

इससे मैं काफी गर्म हो गया और मेरा ध्यान आरिफ पर से हट सा गया। आरिफ ने मौके का फायदा उठा के पूरा लंड दो झटको में मेरे गले में उतार दिया, और मेरा सर पकड़ कर, अपनी दोनों टांगों के बीच दबा लिया।

2 मिनट में मेरा गला चौड़ा हो गया और आरिफ का 9 इंच लम्बा, ढाई इंच मोटा लंड, मेरे गले में बखूबी समां गया। अब मुझे कुछ होश ही न रहा।

एक तो सर नीच लटके होने के कारण नशा और ज्यादा ही लग रहा था, उस पर तीन लड़के मेरे ऊपर अलग अलग पोजिशन में लगे पड़े थे। अब दिमाग ध्यान दे, तो भी किस किस पर दे।

मैंने थोड़ा होश बटोर कर दोनों हाथों से निखिल का सर पकड़ कर उसका सिर अपने लंड पर जोर शोर से ऊपर नीचे करने लगा। पता नहीं कितने मिनटों के बाद जब हम अलग अलग हुए तब आरिफ ने हँसते हुए कहा- क्यूँ कैसी लगी मेरी 9 इंच की आइसक्रीम?

मैंने पूछा- क्या मतलब?

आरिफ – औव् व् व् व् .. मेरे प्यारे मीठे, तुझे पता नहीं, अभी अभी तूने मेरा पूरा लंड कामयाबी से चूसा।

मैं कुछ हैरान और कुछ शरमा गया। इस पर सचिन ने मुझे बड़े प्यार से उठा कर मेरे पैर अपनी कमर के गिर्द कर लिए और मेरे हाथ उसकी गरदन की पर लपेट लिए और मुझे पागलों की तरह चूमने लगा।

फिर मुझे बिस्तर पर कुत्ते की पोजिशन में कर दिया। अब बारी बारी से एक बन्दा मेरी गांड चूमता चाटता और दो सामने खड़े होकर लंड चुसवाते, बीच बीच में निखिल उनका या मेरा लंड चूस लेता।

यह सब काफी देर तक चलता रहा, इतनी देर तक अलग अलग तरह से गांड चटवाने के बाद, मैं चुदने के लिए इतना बैचेन हो गया था कि मेरा लंड बुरी तरह से अकड़ कर खड़ा हो गया था, उसमें से रंग-रहित रस निकल निकल कर, नीचे चादर गीली कर रहा था।

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मेरी यह हालत देख आरिफ ने शरारत से कहा- देख सचिन , हमारा मीठा गुड्डा कितना बेताब हो रहा है ! इतनी देर से लंड चूस चूस कर बेचारे का मुँह दुःख गया होगा, अब हमें भी उसकी प्यास बुझानी चाहिए।

सचिन – हाँ यार, मेरा तो नहीं दिल भरा, पर एक एक कर के शुरुआत करते हैं, अभी तो सारी रात और 2 सिगरेट और बाकी हैं।

उसने आँख मारी।

उस समय तो मुझे विश्वास नहीं हुआ पर… आगे उस रात और क्या क्या हुआ,

कहानी जारी रहेगी….!!

अभी मैं हरियाणा के यमुना नगर जिले में हूं. आपके पत्रों का इंतज़ार मुझे [email protected] पर रहेगा

आपका आशु

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