चुदाई की कहानी दो समलैंगिक आदमियों की

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चुदाई की कहानी: मैं IGS का नियमित पाठक हूं | मैंने IGS की कई कहानियां पढ़ी है मुझे लगता है कि मेरी कहानी भी कुछ कम दिलचस्प नहीं है, इसलिए मुझे इसे सब को बताना चाहिए |

मेरा नाम अभिषेक (परिवर्तित) है और मैं इंदौर के नजदीक एक गांव का रहने वाला हूं | यह घटना तब की है, जब मैं 19 वर्ष का था मेरा रंग एकदम गोरा है, सर पर काले घने बाल है, ऊंचाई ठीक-ठाक (5’4”) ही है | ना ज्यादा मोटा ना ज्यादा पतला हूं | होठो के ऊपर काला तिल है | हल्की-हल्की मूछें दिखाई देती थी |

मैं बचपन से ही बहुत मासूम सा था | मुझसे बड़ी उम्र के लड़के मेरे गाल सहला कर जाते थे, गले लग कर जाते थे, और कुछ तो गालों पर किस भी दे जाते थे | कुल मिलाकर कहीं लड़कों की मुझ पर नजर थी | मुझे यह सब बहुत अच्छा लगता था |

गांव से 12वीं की कक्षा परीक्षा पास करने के पश्चात में आगे की पढ़ाई के लिए इंदौर आ गया | इंदौर में हम तीन दोस्त कमरा किराए से लेकर रहते थे | मेरे बाकी दोनों रूम मेट मैं मुझे कोई दिलचस्पी नहीं थी, ना ही उनको मुझमें थी |

एक दिन हमारा एक दूसरा दोस्त हेमंत इंदौर में एक परीक्षा देने आया | वह हमारे कमरे पर ही ठहरा था | हेमंत एक 19 वर्ष का लड़का था | गठीला शरीर, चौड़ी छाती, बड़ी बड़ी आंखें, घुंघराले बाल, सावला रंग, मजबूत कद काठी का लड़का था | उसकी नजर हमेशा से मुझ पर थी | मैं भी समझ गया था कि, मौका मिलते ही वह मुझे अपना शिकार बना लेगा और यह एहसास मुझे भी रोमांचित कर रहा था |

परीक्षा के अगले ही दिन हमें मौका मिल ही गया मेरे बाकी दो दोस्त किसी काम से 2 घंटे के लिए बाहर गए हुए थे | मैं बिस्तर पर सोया हुआ था, गहरी नींद में था | शाम को अब हेमंत और मैं अकेले ही कमरे पर थे हेमंत थोड़ी देर तक मोबाइल चलाता रहा |

इस दौरान मेरी भी नींद खुल गई थी पर मैं सोने का नाटक कर रहा था | हेमंत मेरे नजदीक आकर लेट गया | कमरे में सन्नाटा छा गया, घड़ी की टिक टिक साफ सुनाई दे रही थी | वह धीरे धीरे मेरे नजदीक आ रहा था, हम एक दूसरे के इतने नजदीक आ गए कि हमें एक दूसरे के सांसों की गर्मी तक महसूस हो रही थी |

फिर वह पल आ ही गया जब हमारे होंठ आपस में छू गए | हेमंत मुझे किस करने लगा मुझे अच्छा लग रहा था इसलिए मैं भी हेमंत को किस करने लगा | हम दोनों जानवरों की तरह एक दूसरे को किस करने लगे मुझे हेमंत का मर्दाना शरीर अपनी ओर आकर्षित कर रहा था |

हेमंत मेरे कपड़ों के ऊपर से ही मेरे निपल्स दबा रहा था, मेरी गांड दबा रहा था और मैं उसकी टी-शर्ट के अंदर हाथ डालकर उसकी चौड़ी छाती को को महसूस कर रहा था | उसकी मजबूत बाहों में मुझे सुकून मिल रहा था | हेमंत ने मेरा लोअर खिसका कर नीचे कर दिया और मेरी गांड दबाने लगा |

मैंने भी हेमंत के लोअर में हाथ डालकर उसका लंड पकड़ लिया | हेमंत का लंड ज्यादा बड़ा नहीं था, कुछ 5 इंच का रहा होगा पर बहुत मोटा था मेरे हाथ में ठीक से समा भी नहीं रहा था और पत्थर की तरह कड़क हो चुका था |

हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतारने शुरू कर दिए कुछ ही देर में हम दोनों पूरे नंगे हो चुके थे | हम एक दूसरे के शरीर के से चिपके हुए थे | इतने में हेमंत ने कहा कि दरवाजा खुला है कोई आ गया तो | मैंने झट से उठकर दरवाजा बंद कर दिया |

अब हेमंत और मैं एक दूसरे के ऊपर जानवरों की तरह टूट पड़े वह मेरा पूरा शरीर पी गया मेरे होंठ, मेरे निप्पल, मेरी पतली कमर, मेरा अंग अंग चूम और चाट रहा था | मैं भी उसके मर्दाना शरीर को महसूस कर रहा था | उसकी बड़ी और मोटी बाहें, चौड़ी छाती, घुंघराले बाल मुझे उसकी तरफ खींच रहे थे | मैं उसके लंड को बड़े प्यार से सहला रहा था |

उसने धीरे से मुझसे पूछा “ऐसा पहले किसी के साथ किया है |” मैंने शरमा कर ना में सिर हिला दिया | उसने मेरी आंखों में देखा और बोला “आई लव यू अभिषेक”, मैंने भी आई लव यू टू जवाब दिया |वह फिर मुझे किस करने लग गया | हम एक दूसरे से आधे घंटे तक किस कर रहे थे |

फिर उसने मुझे पलटा और पेट के बल लिटा दिया | उसने अपने लोहे जैसे कड़क लंड पर थूक लगाया | थोड़ा थूक मेरी गांड पर भी लगाया और अपने लंड को मेरी गांड पर रगड़ने लगा | उसने मुझसे कहा की चौड़ी कर इसको | मैंने दोनों हाथों से अपने कूल्हों को फैला कर अपना छेद सामने कर दिया |

उसने मेरे छेद पर अपना लंड रखा और धक्का देना लगा, लेकिन लंड फिसल गया, बार-बार धक्का देने पर भी लंड अंदर गया ही नहीं | फिर उसने बहुत सारा थूक अपने लंड पर लगाया और एक जोरदार धक्का लगाया, उसके लंड का टोपा मेरे अंदर घुस चुका था | मुझे बहुत तेज दर्द हुआ, मैं दर्द से चीख उठा, उसने अपने मजबूत शरीर से मुझे पकड़कर रखा हुआ था |

मैं हिलडुल नहीं सकता था | उसने मुझे कान में धीरे से कहा “शुरू शुरू में दर्द तो होता ही है” और एक धक्का और लगाकर अपना पूरा लंड मेरी गांड में उतार दिया | मैं दर्द से पागल हो कर छटपटाने लगा | वह थोड़ी देर लंड अंदर डाले हुए पढ़ा रहा |

थोड़ी देर बाद उसने लंड अंदर बाहर करना शुरू किया, धीरे-धीरे धक्के लगाता रहा, मुझे किस करता रहा | मैंने अपना सर तकिया में गढ़ा दिया था | मुझे बेहिसाब दर्द हो रहा था| मैंने उसके मजबूत कलाई को पकड़ लिया था |

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5 मिनट धक्के देने के बाद मुझे अपनी गांड में उसका वीर्य निकलता हुआ महसूस हुआ | उसका लंड मेरी गांड में फूल रहा था उसका बहुत सारा वीर्य निकला था | वह ह हांफते हुए मेरे ऊपर गिर कर निढाल हो गया | उसने अपना लंड निकाला, मुझे अपनी गांड में कुछ तरल पदार्थ सा महसूस हो रहा था इसलिए मैं बाथरूम की ओर भागा बाथरूम जाकर जब देखा तो मेरी गांड से खून निकला हुआ था, बहुत सारा खून, फर्श पूरा लाल हो गया था |

मैं घबरा गया, मैंने उसे बुलाकर वह सब दिखाया उसने मुझसे कहा कि “जब पहली बार इस तरह से सेक्स करते हैं तब खून निकलता है”| मैं बाथरूम से सब कुछ साफ करके बाहर आया और मैंने कपड़े पहने | मेरी गांड बहुत जलन कर रही थी बहुत दुख रही थी |

हेमंत ने कपड़े पहन कर मुझसे पूछा “कैसा लगा?” मैंने भी बोल दिया कि बहुत मजा आया |उसके बाद मैं अपने गांव में तथा इंदौर में हेमंत से कई बार मिला और हमने बहुत सेक्स किया |

आगे क्या हुआ यह अगली कहानी में बताऊंगा यदि कहानी पसंद आई तो कमेंट अवश्य करें | आपको यह कहानी कैसे लगी बेहिचक मुझे [email protected] पर ईमेल करें |

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