Hindi Gay Chudai story – लंड चूसने की रीत

Hindi Gay Chudai story – लंड चूसने की रीत

लंड चूसने के लिए उससे प्यार होना ज़रूरी है। अगर लंड को प्यार से देखोगे और उसे प्यार से सहलाओगे तो तुम्हें लंड अच्छा लगने लगेगा। जो चीज़ अच्छी लगती है उसे आसानी से चूमा जा सकता है। चूसने की शुरुआत करने के लिए अपनी पसंद का आसन ग्रहण करके अपने को आरामदेह अवस्था में कर लो। मेरी राय में दूसरा या तीसरा आसन ठीक रहेगा।

लंड को हाथ में लेकर उसको सहलाने के बाद उसे अपने मुँह के पास ले आओ और उसको नजदीक से देखो तथा उसकी गंध को महसूस करो। तुम्हें यह अच्छा लगेगा। अब उसको अपने होटों से चूमना शुरू करो। लंड की छड़ से शुरू करना ठीक रहेगा और पहले नीचे की तरफ अंडकोष तक छोटी छोटी पुच्चियाँ लेने के बाद ऊपर की तरफ सुपारे तक पुच्चियाँ करो। यह शुरू की पुच्चियाँ सूखी हो सकती हैं। पुच्चियों से पूरा लंड ढकने के बाद जीभ से लंड की छड़ को चाटना शुरू करो। ऐसा करते वक़्त जीभ गीली होनी चाहिए जिससे लंड गीलापन महसूस करे। लंड के छड़ का निचला हिस्सा काफी मार्मिक होता है और जीभ के स्पर्श से लड़के को बहुत उत्तेजना मिलेगी। लंड की छड़ को सब तरफ से अच्छी तरह से चाट-चाट कर गीला कर लो। और फिर उसके सुपारे को अपने होटों के बीच में लेकर उसकी चुम्मी ले लो। ज्यादातर लंड ऐसा करने से अपनी शिथिल अवस्था त्याग कर बढ़ने लगेंगे।

अब सुपारे को हल्के से होटों से पकड़ लो और जीभ को पैना करके से उसके शीर्ष पर छोटे-छोटे वार करो। चार-पांच बार वार करने के बाद जीभ को सुपारे के चारों ओर घुमाओ। अगर लंड अभी भी शिथिल अवस्था में है तो उसे एक हाथ से पकड़ कर रखो पर अगर वह कड़क हो गया है तो हाथों से पकड़ने की ज़रुरत नहीं है। जब लड़क लंड को केवल मुँह से नियंत्रण में रखत है तो ज्यादा आनंद आता है।

सुपारे के चारों तरफ तीन-चार बार जीभ घुमाने के बाद लंड को मुँह में लेने का समय आ जाता है। अगर शिथिल है तो लंड को मुँह में लेने में आसानी भी होती है और मज़ा भी आता है। मज़ा इसलिए ज्यादा आता है क्योंकि पूरा लंड अन्दर ले पात हैऔर फिर जब लंड जोश में आता है तो मुँह के अन्दर ही उसकी वृद्धि होती है जो कि महसूस कर सकती है। लंड की अवस्था के अनुसार उसे जितना मुँह में ले सको ले लो और फिर अपना सिर हिला कर लंड को मुँह से अन्दर-बाहर करो। इससे लड़के को चुदाई का सा मज़ा आएगा।

जब लंड मुँह में जाने लगे तो जीभ से सुपारे के छेद को छूने से लड़का मतवाला हो जायेगा। बाहर निकालते वक़्त जब सिर्फ सुपारा मुँह में रह जाए तो मुँह को बंद करके उसको जकड़ लो जिससे बाहर न आ सके। इस तरह मुँह से चोदने में लड़के को बहुत मज़ा आएगा और तुम्हें भी अच्छा लगेगा। अगर मुँह थक जाये तो लंड को मुँह से बाहर निकाल कर उसकी छड़ को होटों और जीभ से प्यार कर सकत हो और चाट सकत हो।

ज्यादातर लड़कों को चुसवाने के समय सूखापन अच्छा नहीं लगता इसलिए लंड को अपने मुँह से गीला रखना चाहिए।

चूसने में विविधता

लंड को लॉलीपॉप की तरह भी चूस सकते हैं। इसमें विविधता लाने के लिए और चूसने में और मज़ा लाने के लिए कई तरह के फेर-बदल कर सकते हैं। लंड के सुपारे पर शहद, जैम, आइस क्रीम, या कोई भी ऐसी चीज़ जिसका स्वाद तुम्हें पसंद हो, लगा सकते हैं और फिर उसको चूस सकते हैं। इस से लड़के दोनों को मज़ा आ सकता है। लंड चुसवाने में लड़कों का आत्म-नियंत्रण सामान्य सम्भोग के मुकाबले जल्दी ख़त्म हो जाता है क्योंकि इसमें उन्हें ज़्यादा सुख का अनुभव होता है। अतः वे जल्दी ही वीर्य-पात कर देते हैं।

वीर्य का क्या करें?

बहुत सी लड़यों को यह समझ नहीं आता कि वीर्य का क्या किया जाये। जहाँ तक लड़कों का सवाल है वे तो यही चाहते हैं कि जब वे चरमोत्कर्ष पर पहुंचें और अपना लावा मुँह में उगलें तो ख़ुशी-ख़ुशी उसे पी भी जाये। इस अकेले कार्य से लड़कों को सेक्स की सभी क्रियाओं के मुकाबले में से सबसे ज्यादा ख़ुशी मिलती है। एक तो ख़ुशी इस बात की कि उनका वीर्य लड़की ग्रहण कर रही है और दूसरी बात यह कि वीर्य स्खलन के वक़्त लंड मुँह से निकालने की ज़रुरत नहीं होने से चरमोत्कर्ष के आनंद में कोई बाधा या रुकावट नहीं होती। वे अपना आनंद बिना रोक-टोक के उठा पाते हैं। पर लड़के को लंड बाहर निकालना पड़ता है और इससे उसके सुख में विराम लग जाता है।

कहते हैं, हमें खाने में वे ही चीज़ें पसंद आती हैं जो हम बार बार खाते हैं। इसीलिए जो खाना हमें पसंद आता है वह अंग्रेजों को पसंद नहीं आता क्योंकि उन्होंने यह खाना बार बार नहीं खाया होता। बार बार कोई चीज़ खाने से उसके लिए जीभ में स्वाद पैदा हो जाता है और वह हमें अच्छी लगने लगती है। यही बात हमारे संगीत के प्रति रूचि के लिए भी लागू होती है। जो गाने हम बार बार सुन लेते हैं वे अच्छे लगने लगते हैं।

पूरे लंड को निगलना

(लिंग का गले के अन्दर तक पहुँचाना)

जब लंड चूसने में थोड़ी महारत हासिल हो जाए तो अगली क्रिया है पूरे लंड को निगलना। इसके लिए जो पहले अभ्यास बताये गए हैं वे करने बहुत ज़रूरी हैं क्योंकि इसमें सफलता हासिल करने के लिए मुँह में लंड के समावेश की क्षमता बढ़ानी होगी। अगर औसत मुँह और औसत लंड के माप देखे जाएँ तो ज्यादातर लड़ लंड निगलने में कामयाब हो जाएँगी। ज़रुरत है तो बस दृढ़ निश्चय और आत्मविश्वास की। इसमें लड़कों के सहयोग की बहुत ज़रुरत होगी क्योंकि उन्हें धीरज से काम लेना होगा और अपने ऊपर नियंत्रण रखना होगा। अगर वे जल्दबाजी करेंगे तो लड़की का गला घुट सकता है। इस क्रिया को मर्ज़ी के मुताबिक ही करना चाहिए।

आसन

इस क्रिया के लिए पहला या चौथा आसन उपयुक्त रहेंगे। शुरू-शुरू में आसन पहला ही बेहतर रहेगा क्योंकि इसमें लड़क पूरी कार्यवाही पर नियंत्रण रख सकती है। जब थोड़ा अनुभव हो जाये तो चौथाआसन इस्तेमाल कर सकते हैं जिसमें लड़का चाहे तो थोड़ा आक्रामक रवैया अपना सकता है।

विधि
अपना मुँह पूरा खोलना चाहिए और अपनी जीभ चपटी करके जितना बाहर निकाल सकती है, निकाल कर लंड को मुँह में लेना चाहिए। अब धीरे धीरे लंड को जितना ज़्यादा अन्दर ले सकत है लेने की कोशिश करनी चाहिए। लड़का इसमें उसकी मदद कर सकता है। उसे चाहिए कि बिना जोर-जबरदस्ती किये लंड को अन्दर डालने में सहयोग करे। शुरू में लड़क को ऐसा लग सकता है कि उसके लिए पूरा लंड निगलना मुमकिन नहीं है। पर कोशिश करने से सफलता मिल जायेगी यदि लंड बहुत ज़्यादा बड़ा ना हो।

लंड जितना अन्दर हो सकता है, उतना लेने के बाद उसे बाहर निकाल लो। फिर पिछली बार के मुकाबले थोड़ा और ज़्यादा अन्दर लेने कि कोशिश करो और फिर बाहर निकाल लो। इसी तरह धीरे-धीरे प्रगति करते हुए लंड को पूरा निगल सकते हैं। ध्यान रहे कि सिर्फ मुँह के अन्दर केवल छोटा या शिथिल लंड ही आ सकता है। औसत आकार का उत्तेजित लंड सिर्फ मुँह में नहीं समां सकता। उसे पूरा अन्दर करने के लिए उसे गले में उतारना होगा। शुरू में यह ना-मुमकिन लगता है पर इतना कठिन नहीं है। लेकिन अगर लंड का माप अत्यधिक बड़ा है तो ज़बरन यह क्रिया नहीं करनी चाहिए। लंड को किस हद तक अन्दर ले सकते हैं, ।

उन्नत तकनीक

जब इस तरह लंड चूसने में दक्षता हासिल हो जाए और जब इसमें भी कोई तक़लीफ़ ना हो तो अगले चरण की तरफ बढ़ सकते हैं। इसमें लड़का लड़क के मुँह की चुदाई करता है। इसके लिए चौथा या पाँचवा आसन इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन सबसे कारगर चौथा आसन है क्योंकि इसमें लड़का सबसे ज्यादा गहरा प्रवेश पा सकता है और अपने वारों पर नियंत्रण कर सकता है। इस क्रिया में लड़क का कोई नियंत्रण नहीं होता और उसकी भूमिका एक शांत प्राप्तकर्ता की होती है। उसे अपने आदमी की ख़ुशी के लिए उसके वारों को ख़ुशी से झेलना चाहिए। अगर आदमी के वार सहन ना हो सकें तो उसे बता देना चाहिए ताकि वह नियंत्रित हो जाये। लड़कों को चाहिए कि अपनी ख़ुशी के नशे में वे अपने साथी की भावनाओं और ख़ुशी का ध्यान रखे और उसे तकलीफ ना पहुंचाए। उसे यह नहीं भूलना चाहिए की वह लड़क के मुँह को चोद रहा है,

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