Hindi Gay sex story – जिम मे मिला, मेरा मनपसंद लंड

दोस्तों, मेरा नाम सुकेश है और मै एक मस्त शरीर का मालिक हु | मेरा शरीर पहलवानों की तरह गठीला तो नहीं है, लेकिन अच्छा है और उसमे थोड़े से लड़कियों वाले गुण है | मेरा शरीर एक दम गोरा है और मेरे घर मे, सब मुझे बोलते थे, कि तू गलती से लड़का बन गया; तेरी हरकतों और शरीर से तो तू लड़की लगता है | घर मे सब लोग इसे मजाक मे लेते थे | स्कूल पास करने तक मुझे किसी चीज़ का अनुभव नहीं था और मुझे किसी भी तरह का कोई आकर्षण नहीं था | लेकिन, कॉलेज मे आने के बाद मै लडको की तरफ आकर्षित होने लगा | मुझे कसे हुए और गठीले बदन वाले लड़के अच्छे लगने लगे | उनको देखकर मेरे लंड मे झनझनाहट होने लगते और मेरी गांड मे खुजली | मै सारी रात समलैंगिक लडको वाली ब्लूफिल्म देखता और मस्त होकर मुठ मारा करता | मैने एक लकड़ी का छोटा सा टुकड़ा लाकर रखा था और उसको तेल मे डुबोकर चिकना कर लिया था और मै उससे रोजाना अपनी गांड मे घुसड़कर अपनी खुजली मिटाता था | मुझे लड़कियों मे बिलकुल आकर्षण नहीं था और मै उनसे दूर ही रहना पसंद करता था | मेरा लचीला बदन होने के कारण मुझे कॉलेज की जिम्नास्टिक टीम मे जगह मिली थी | मै काफी अच्छा जिमनास्ट था मेरे कोच मुझसे काफी खुश थे |मुझे कॉलेज के बाद प्रेक्टिस के लिए रुकना होता था और कसरत के लिए जिम मे भी जाना होता था | जब मै पहले बार जिम मे गया, तो मै मन ही मन काफी खुश था, क्योकि वहा पर काफी सारे कसे हुए और गठीले बदन वाले लड़के होते थे, जिनको पटाकर मै अपनी गांड की खुजली मिटा सकता था | लेकिन, जो समय मुझे कोच ने दिया था, उस समय जिम पूरा भरा होता था और मै किसी को आसानी से नहीं पटा सकता था | मैने कुछ बहाना बनाकर अपनी रात का समय करवा लिया | उस समय केवल बोक्सिंग करने वाले लड़के ही जिम करते थे और ४-५ ही लोग थे |

वो लोग बहुत ही बिंदास थे और मुझे उनके साथ काफी मज़ा आने लगा था | वो लोग मज़े-मज़े मे, मेरी गांड पर तबला बजा देते थे और कभी-कभी दबा भी देते थे | मुझे उनमे से रमेश नाम का लड़का पसंद आ गया था | उसके ऊंचाई मस्त थी और उसका बदन काफी कसा हुआ और गठीला था | जब भी वो कोई वजन उठता, तो मेरे दिल की धड़कन बड़ जाती और मेरी गांड मे खुजली होने लगती |एक दिन किस्मत ने मेरा साथ दिया और उस दिन जिम मे केवल हम दोनों और कोच थे | रमेश काफी पसीना बहा चुका था और नहाने के लिए बाथरूम मे चले गया; उसने दरवाजा तो बंद कर दिया, लेकिन कुण्डी लगाना भूल गया | मुझे भी अपना मुह धोना था, तो मै तेजी से बाथरूम मे गुस गया | मैने रमेश को नंगा देखा और रमेश ने मुझे | रमेश ने अपना लंड छुपाने की कोशिश की, लेकिन उससे पहले ही मै उसका खड़ा और बड़ा लंड देख चुका था | इतने मस्त लंड को देखकर मेरी गांड मे फिर से खुजली होने लगी | मै मुस्कुराया और बाहर आ गया | मै दुसरे बातरूम मे गया और मुठमार कर बाहर आ गया | कोच जा चुके थे और गार्ड बाहर हमारा इंतज़ार कर रहा था | रमेश को उसने आधा घंटो को रुकने के लिए बोला | मै जब बाहर आया, तो मैने ध्यान नहीं दिया; मेरे लंड से मेरा वीर्य रिस रहा था और मेरे कपड़ो पर लग गया था | ये सब देखकर रमेश हंसने लगा और बोला, क्या करके आये हो? मैने सिर्फ मुस्कुराया | मैने रमेश को बोला, एक बात पुछु?रमेश बोला क्या?मैने बोला, तुम्हरा बदन तो इतना मस्त और कसा है, वो तो इस कसरत की वजह से है | लेकिन, लंड की कोंन सी कसरत करते हो, कि वो इतना बड़ा और मोटा है | क्या सारा दिन मुठ मारते हो?रमेश ने कहा – मुठ तो नहीं, तुम जैसे लडको की गांड मारता हु | बहुत दिनों से देख रहा हु; कि तुम मुझ पर घात लगाकर बैठे हो | आज तुम्हारे सारे अरमान पुरे कर देता हु |

मुझे तो मन मांगी मुराद मिल गयी | मुझे जो इतने दिन से चाहिए था, आज वो मुझे मिलने वाला था | मै रमेश के तरफ मुस्कुराया और बाथरूम मे चला गया | रमेश भी मेरे पीछे आ गया और मुझे पीछे से पकड़ लिया | इस बार उसने अच्छी तरह से दरवाजा लगा दिया और पीछे से मेरे चूचो को मसलने लगा और अपना लंड मेरी गांड पर रगड़ने लगा | उसका लंड बहुत बड़ा था और वो कपडे फाड़कर मेरी गांड मे घुसने को बेताब था | रमेश ने मेरे सारे कपडे उतार दिये और खुद भी नंगा हो गया | उसने मुझे दिवार से लगा दिया और मेरे होठो को चुसना लगा | उसका मोटा लंड मेरे लंड से टकरा रहा था | मेरा लंड भी खड़ा था, लेकिन रमेश के जितना बड़ा और मोटा नहीं | हम दोनों के एक दुसरे के साथ कुश्ती कर रहे थे | रमेश मेरे होठो को मज़े मे चूस रहा था मै भी उसका पूरा साथ दे रहा था | उसके हाथ मेरी चूतड पर थे और मेरी गांड को दबा रहे थे | उसके जोर से दबाने के कारण मेरे मुह से सिसकिया निकल रही थी |फिर, उसने थोडा सा नीचे झुककर मेरी गांड मे ऊँगली डालनी शुरू कर दी | उसका एक हाथ मेरी गांड के छेद को मसल रहा था और दूसरा मेरे लंड को झटके मारा रहा था | मेरे लंड ने तो २-३ बार मे ही, उसके हाथ मे पानी छोड़ दिया | रमेश हंसने लगा और उसने मुझे उल्टा करके दिवार से लगा दिया | फिर, उसने वहा रखे साबुन से मेरी गांड के छेद को चिकना किया और देखा की ऊँगली आसानी से जा रही है, कि नहीं | जब उसकी ऊँगली एक दम जाने लगी तो उसने साबुन अपने लंड पर लगा लिया | अब उसका लंड और मेरी चूत बहुत चिकने थे | रमेश ने मेरी गांड पर अपना लंड रखा और एक दम झटका मार दिया |

मै रोज़ डंडा लेता था, लेकिन रमेश का लंड ज्यादा मोटा था और मुझे उसके लंड की मोटाई का अहसास हो रहा था और मुझे दर्द भी होना शुरू हो गया | छेद और लंड चिकने थे, तो लंड आधा तो घुसा गया और मेरी गांड मे दर्द होने लगा और खून बहने लगा | लेकिन, रमेश पूरा लंड घुसाने लगा हुआ था | उसने एक हाथ से धक्का देकर मुझे पूरी तरह से दिवार से चिपका दिया और दुसरे हाथ से मेरी गांड खोलने लगा और फिर एक और जोरदार धक्का मारा | ये धक्का बहुत तेज और जबरदस्त था | लंड एक ही झटके मे अन्दर घुस गया और मै बस गिरते-गिरते बचा |अब लंड पूरा मेरी गांड के अन्दर था और मेरी गांड मे तेज दर्द हो रहा था | रमेश ने कुछ देर लंड को ऐसे ही पड़ा रहने दिया और फिर मेरी गांड को पकड़ा और धीरे-धीरे लंड को चलाने लगा | मुझे भी मज़ा आ रहा था | असली लंड से चुदाई डंडे से ज्यादा मजेदार थी | कुछ मिनटों बाद, रमेश ने तेजी से धक्के मारने शुरू कर दिया और मैने एक तेज और गरम पिचकारी अपनी गांड मे महसूस की | बड़ा गरम था, लेकिन मस्त था | रमेश भी झड चुका था | फिर, उसने कुछ देर लंडो को एक दुसरे से भीडाया और लंड फिर से खड़े होने लगे | फिर हमने एक साथ एकदूसरे के लंड का हस्त्मथुन किया और दुसरे बार झड गये | फिर, हम दोनों एक साथ नहाकर चले गये |मेरी गांड मे बड़ा दर्द हो रहा था मुझे चला नहीं जा रहा था | मै घर पहुँचकर जल्दी सो गया और सारी रात अपनी चुदाई को सपने मे देखता रहा |

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