Desi Gay Sex Story: कपड़ों की खरीददारी और लौंडेबाजी: 1

Desi Gay Sex Story: कपड़ों की खरीददारी और लौंडेबाजी: 1

Desi Gay Sex Story: यह बात तब की है जब मैं 18 साल का था. पापा ने मुझे उस दिन सुबह कुछ पैसे देकर कहा कि बेटा कॉलेज के लिए कुछ नए कपड़े ले आना. मैं बहुत बार पहले भी शॉपिंग करने के लिए अकेले गया था इसलिए मुझे मालूम था कि किस दुकान में जाकर कपड़े खरीदने हैं. शॉपिंग करने के विचार से मैं बहुत खुश हो गया था.

मैं दोपहर को शॉपिंग करने के लिए निकल गया क्योंकि मुझे मालूम था कि उस वक्त भी बहुत कम रहती है. मैंने बस पकड़ी और मेरे घर से करीब 3 किलोमीटर दूर एक शॉपिंग कॉन्पलेक्स है वहां उत्तर गया. शॉपिंग कॉन्प्लेक्स में बहुत सारी छोटी छोटी दुकानें थी. मैं उनके बाहर टंगे हुए कपड़े देख देख कर आगे बढ़ने लगा.

कॉरिडोर पर एंड पर एक छोटा सा दुकान था और उसकी खिड़की में जो कपड़े रखे थे वह मुझे बहुत अच्छी लगी. मैं इस दुकान के अंदर गया. दुकानदार एक 26 साल का आदमी था. घने बाल मूछ सांवला रंग और मुस्कुराता चेहरा. खिड़की पर टंगी एक शर्ट को देख कर मैंने कहा अंकल वह वाला शॉट दिखाइए. उसने तुरंत को शर्ट निकाल कर मुझे दिखाई.

मैंने पूछा कि वह शर्ट कितने की है. उसने उसका दाम ₹400 बताया. मुझे रेट ठीक ही लग रहा था. शर्ट पीले रंग की थी उस पर हल्के से भूरे रंग की लाइनें बनी थी. मैंने पूछा कि क्या मैं उससे पहन कर देख सकता हूं. ने मुस्कुराते हुए कहा हां जी बिल्कुल ट्रायल रूम उस तरफ है.

मैं ट्रायल रुम में गया और दरवाजा लॉक करने की कोशिश की मगर कुंडी नहीं लग रही थी. अंकल की कुंडली नहीं लगती है क्या मैंने उनसे पूछा. हां यार बहुत दिन से उससे बनवाने के बारे में सोच रहा हूं पर अभी तक फोन नहीं पाया तुम मुझसे आधा बंद करके पहन लो यहां पर मेरे अलावा और कोई नहीं है.

मैंने दरवाजा आधा बंद किया मगर फिर भी जरा सा खुला ही था. खैर मैंने अपना शर्ट उतारा और नया शर्ट पहन लिया. फिट बहुत अच्छा था और मेरे गोरे रंग पर बहुत अच्छा लग रहा था. मैंने वह शर्ट एक ही बार में पसंद कर ली.

मैं बाहर आया और कहा ठीक है अंकल के साथ में ले लेता हूं अब इस पर कोई जींस दिखाइए. क्योंकि मैंने पहले ही कुछ खरीद लिया था इसलिए दुकानदार अब ज्यादा फुर्ती से मुझे जींस दिखाने लगा. मैंने उन में से तीन रंग पसंद किए एक नीला एक कत्था और एक काला. हिंदी लिखकर मैं फिर से ट्रायल रूम में गया. दरवाजा आधा बंद कर मैंने उन्हें पहन कर देखा फिर बाहर आया.

क्या हुआ दुकानदार ने मुझसे पूछा. फिर थोड़ा लूज है मैंने उससे कहा. तुम्हारी कमर कितनी है उसने मुझसे पूछा तो मैंने बताया 30. यह तो 30 ही है उसने कहा और पूछा के क्या Colors पसंद नहीं आए. Colors तो बहुत अच्छे हैं अंकल पर फिटिंग सही नहीं आ रही. तो कुछ और पहन कर देखो उन्हीं रंगों में मैं कुछ और देता हूं यह कहकर उसने मुझे दो और जींस किए. मैं फिर उन्हें लेकर ट्रायल रूम में गया और उनमे से हल्का नीला रंग वाला पहना. मैंने आईने में देखा मगर मुझे लगा कि फिर भी जरा लूस थी. बाकी जगह तो सेटिंग ठीक थी मगर लंड के नीचे जरा लूस थी. पिछले तीनों जींस में भी यही प्रॉब्लम था लेकिन यह मैं उसे कैसे बता सकता था.

अब ठीक है क्या दुकानदार ने बाहर से ही पूछ लिया. थोड़ा लूस है मैंने कहा. इतने में वह दरवाजा खोलकर अंदर ही आ गया. बताओ कहां लूस है मुझे तो ठीक ही लग रही है उसने कहा. मैंने लंड के नीचे का कपड़ा थोड़ा खींचा और कहा कि यहां पर लूस है. उसके चेहरे पर एक हल्की सी हंसी आ गई और बड़े आराम से मेरे लंड के नीचे हाथ रखकर जींस को खींचा और पूछा यहां पर.

उसका मर्दाना हाथ लगती हूं मैं खुद को रोक नहीं पाया और मेरा लंड खड़ा हो गया. उसे भी इसका एहसास हुआ. यहां पर लूस है क्या वह पूछ रहा था और धीरे-धीरे मेरे लंड के नीचे अपना हाथ भी फिर आ रहा था. मैंने हां कहा. मेरे मुंह से तो पानी ही सूखने लगा था. आओ यहां स्टूल पर बैठ जाओ देखते हैं उसने कहा.

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मैं जाकर उसके ऊपर बैठ गया. उसने फिर मेरी टांगे फैला दी और सीधा मेरे लंड की तरफ देखने लगा. फिर उस जगह पर हाथ रख कर पूछा अब भी लूस है क्या. मेरा लंड खड़ा हो गया था और अब उस जगह को भर चुका था. मैंने मुस्कुराते हुए कहा नहीं अब लूस नहीं है.. वह भी मुस्कुराया और मुझसे पूछा कि मुझे कैसा लग रहा है मैंने बस हंसते हुए कह दिया की बहुत मजा आ रहा है. उसने मुझे 1 मिनट ठहरने को कहा और जाकर दुकान का शटर गिरा दिया.

मैं वैसे ही टांगे फैलाकर जींस मैं अपना लंड खड़ा करके मस्त बैठा था…..

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