गे दोस्त सेक्स स्टोरी गांड चुदाई की

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गे दोस्त सेक्स स्टोरी: मेरी पिछली कहानी गे सेक्सी कहानी “मेरे दोस्त से ज़ोरदार चुदाई की” को आपने बहुत प्रेम प्यार दिया, बहुत सारे प्रशंसकों के ई-मेल प्राप्त हुए | मैंने सभी को धन्यवाद रिप्लाई किया है |

जैसा कि मेरे पिछली दो कहानियों में आप जान चुके हैं, कि मैं अपने दो दोस्तों से अब तक चुद चुका हूं, लेकिन दोनों में से मुझे किसी के साथ भी संतुष्टि नहीं मिली |

दोनों में से कोई भी मुझे संतुष्ट नहीं कर सका था, और मैं सेक्स की आग में जल रहा था अब जानिए कि कैसे मेरे अंदर की आग बुझी ? और कैसे मैं संतुष्ट हुआ, कैसे मैंने पहली बार लंड चूसा |

मेरा नाम अभिषेक (परिवर्तित) है, और घटना के वक्त में 19 वर्ष का कमसिन जवान था | चेहरे से बच्चा ही दिखता था | पर हल्की-हल्की मूंछ दिखाई देती थी | मेरी हाइट 5 फुट 4 इंच है, ना ज्यादा मोटा हूं और ना ज्यादा दुबला पतला हूं रंग दूध जैसा गोरा है | मेरा एडमिशन इंदौर के एक बड़े कॉलेज में हो चुका था | मैं इंदौर मे अपने दोस्त के साथ किराए से रूम लेकर रहता था |

अपने स्कूल के दो दोस्तों से चुदने के बाद भी जब मुझे संतुष्टि नहीं मिली तब मैं दूसरे दोस्तों की ओर देखने लगा | मुझे अपने रूममेट में कोई दिलचस्पी नहीं थी | मगर उसके साथ कभी-कभी उसके दोस्त भी आते थे | उनमें से कुछ मुझे अच्छे लगते थे |

उनमें से एक था विशाल | विशाल हमारे यहां आता जाता रहता था, मेरी उससे पहचान हो गई थी | हम लोग आपस में बातचीत भी करने लगे थे | विशाल एक 6 फुट का गोरा सा लड़का था | दाढ़ी मूछ नहीं आती थी, घुंघराले बाल थे, दुबला पतला सा था |

एक दिन में सुबह-सुबह सो रहा था तभी किसी ने मेरा दरवाजा खटखटाया | मैंने दरवाजा खोलकर देखा तो विशाल आया था | मैंने उसे अंदर बुलाया |

विशाल – वह (मेरा रूममेट) कहां गया |
मैं – वह तो घर गया है अभी, कल शाम तक लौटेगा |
विशाल – अरे यार उसने बताया भी नहीं |
मैं – हां अचानक से कुछ काम आ गया इसलिए चला गया |
विशाल – ठीक है मैं थोड़ी देर यहीं बैठूंगा |

वह एक इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ता था | सुबह-सुबह कॉलेज की यूनिफॉर्म में एकदम तैयार होकर आया था | मैं वापस आकर बिस्तर पर सो गया | मैं जानबूझकर पेट के बल उल्टा लेट कर सोया ताकि उसको उसे मेरा गोरा बदन दिखाई दे | थोड़ी देर बाद मैं उठा और बाथरूम जाकर फ्रेश हो आया |

वह वही बाजू में बिस्तर पर बैठकर मोबाइल चलाता रहा | वापस आकर मैं फिर से बिस्तर पर लेट गया थोड़ी देर बाद वह मेरे पास बैठकर मोबाइल चलाने लगा | धीरे से उसने अपनी कोहनी मेरे कंधे पर स्पर्श की मैंने कुछ जवाब नहीं दिया | इससे उसकी हिम्मत बढ़ गई और उसने मेरे बाह को थाम लिया और उसे सहलाने लगा |

मेरे मन में तो जैसे हजारों तितलियां एक साथ उड़ने लगी | अब मैं सीधा करवट लेकर लेट गया वह भी मेरे साथ लेट गया | वह धीरे धीरे मेरे नजदीक आ गया | हम दोनों एक दूसरे के इतने नजदीक थे कि मुझे उसकी सांसों की तेज आवाज भी सुनाई दे रही थी |

उसकी सांसों की गर्मी को मैं महसूस कर सकता था और फिर अचानक हम दोनों के होंठ एक दूसरे को छूने लगे विशाल मुझे किस करने लगा और मैं उसका साथ देने लगा | किस करते-करते विशाल मेरे चेहरे को थामकर कर देख रहा था | मैं उसके मजबूत कंधों को पकड़ा हुआ था |

10 मिनट तक हम दोनों एक दूसरे को किस करते रहे | उसने धीरे से मेरी बनियान उतार दी और मेरे निकर में हाथ डालकर मेरी गांड को सहलाने लगा | मैंने उससे कहा कि तुम कॉलेज में लेट हो जाओगे तो उसने मुझे देखकर कहा की “ हो जाने दे” और मुझे फिर से किस करने लगा |

ऐसा सुनते ही मैंने उसकी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए और उसकी शर्ट उतार कर अलग फेंक दी | मैंने उसकी बनियान भी उतार दी | उसका शरीर एकदम चिकना था | छाती पर एक भी बाल नहीं था वह मेरा पूरा बदन सहला रहा था | फिर उसने मेरी निकर उतार कर मुझे नंगा कर दिया और मैंने भी उसकी बेल्ट खोल दी और पेंट उतारने लगा |

इतने में वह खुद ही बिस्तर से उतरकर पेंट उतार दिया और फिर से आकर मुझे किस करने लगा | अब मैंने पहली बार उसका लंड देखा वह ज्यादा बड़ा नहीं था 5 इंच का होगा | ठीक-ठाक मोटा था उसके टोपे के ऊपर बहुत सारा प्रीकम निकला हुआ था |

वह मेरे शरीर के एक एक अंग के साथ खेल रहा था | कभी होंठ चुमता, तो कभी गले पर, कभी छाती पर, निप्पल चूसता, तो कभी मेरी नाभि चूसता | फिर वह सीधा लेट गया और मैं उसके ऊपर आ गया | मैं बहुत प्यार से उसे किस कर रहा था उसके चेहरे को अपने हाथों से थाम कर उसकी पूरी बॉडी को सहला रहा था |

उसने धीरे से मेरे कंधे पकड़े और मुझे नीचे की ओर धकेलने लगा | उसने मुझे नीचे तक आकर अपने लंड के पास कर दिया | मैंने पहले कभी लंड नहीं चूसा था, पर हिम्मत करके मैंने उसे मुंह में भर लिया | जैसे ही मैं लंड को चूसने लगा विशाल ने आंखें बंद कर ली और जोर से सिसकारियां लेने लगा |

मुझे बहुत अजीब लग रहा था | मुंह में बाथरूम की खुशबू और स्वाद आ रहा था | मैंने थोड़ी देर तक उसका लंड चूसा इस दौरान वह बहुत ज्यादा सिसकारियां ले रहा था | फिर उसने मेरा सर पकड़ा और अपने लंड को अंदर तक धकाने लगा | वह जोर-जोर से लंड को अंदर बाहर कर रहा था | मुझे उल्टी जैसा लग रहा था पर मैं विशाल का साथ दे रहा था |

फिर उसने मुझे लंड पर से हटाया और मेरे ऊपर चढ़ गया | उसने मेरे पैर फैलाए और मेरी कमर के नीचे तकिया रखा जिससे मेरी गांड ऊपर की तरफ उठ गई | अब उसने अपने लंड पर बहुत सारा थूका और थोड़ा सा थूक मैंने अपने गांड पर भी लगा लिया |

उसने अपना लंड मेरी गांड पर सेट किया और अंदर घुसाने की कोशिश करने लगा | उसने एक जोर का धक्का मारा और उसका आधा लंड मेरे गांड में घुस गया | मैं दर्द से तड़प गया मैंने उसे इतनी जोर से धकाया कि उसका लंड बाहर निकल गया |

फिर मैंने उसके लंड को अपनी गांड पर सेट किया और खुद ही अंदर लेने लगा धीरे-धीरे धीरे-धीरे करके मैंने पूरा लंड अंदर ले लिया | मैंने विशाल से कहा कि थोड़ी देर ऐसे ही रहो वह 15 सेकंड वैसे ही रहा और फिर धीरे-धीरे अपना लंड हिलाना शुरू किया |

मुझे अभी दर्द हो रहा था और विशाल धीरे-धीरे अंदर बाहर किया जा रहा था | मैंने उसकी मजबूत बांहों को पकड़ लिया था और उनको सहला रहा था | विशाल मेरे ऊपर आकर मुझे किस कर रहा था और नीचे से धीरे-धीरे लंड भी घुसा रहा था |

अब उसके चोदने की रफ्तार बढ़ने लगी थी वह मुझे तेज चोदने लग रहा था और साथ ही मेरे निप्पल भी दबा रहा था | मैं टांगे ऊंची करके उसका साथ दे रहा था मैं उसकी पूरी बॉडी को हाथ लगा रहा था उसके घुंघराले बालों में हाथ फेर रहा था |

फिर उसने अपना लंड निकाला और मुझे बिस्तर के नीचे पैर रखकर बिस्तर पर घोड़ी बनने को कहा | उसने जो कहा मैंने वह किया | वह मेरे पीछे आ गया और एक ही झटके में अपना पूरा लंड मेरी गांड में उतार दिया | मैं सकपका गया |

वह मुझे खप खप खप करके चोदने लगा | मेरी गांड में लंड के घर्षण की वजह से गर्मी उत्पन्न होने लगी थी | ऐसा लग रहा था जैसा कि मेरे अंदर कोई ज्वालामुखी है | मैं विशाल से बार-बार पूछ रहा था की “हो गया क्या”, “कितनी देर और”, “जल्दी कर ले भाई” और वह कह रहा था कि “बस थोड़ी देर” और 10 मिनट तक इसी तरह चोदने के बाद उसने मुझे कहा कि “इस तरह तो मुझे बहुत समय लगेगा, तुम उलटे लेट जाओ” और मैं लेट गया |

उसने पीछे से अपना लंड मेरी गांड में घुसा दिया और मुझे सटासट चोदने लगा | पूरे कमरे में थप थप थप की आवाज आने लगी | मैं दर्द से आहें भरता जा रहा था | वाह हर झटके के साथ मेरी गांड में और गहराई में लंड उतार देता था | मैं अनंत आनंद के समुद्र में गोते खा रहा था |

10 मिनट तक इसी तरह चोदने के बाद उसने अपनी रफ्तार बढ़ा दी और जोर जोर से हंफने लगा | उसने अपना सारा वीर्य मेरे गांड में ही खाली कर दिया और निढाल होकर मेरे ऊपर गिर गया और मेरे गर्दन पर पीछे से किस करने लग गया |

मैंने सर को हल्का सा घुमा कर उसके होठों के एक बार किस किया | उसने भी मुझे किस किया | थोड़ी देर बाद उसका लंड मेरी गांड से बाहर आ गया |

गे दोस्त सेक्स स्टोरी दो ठरकी दोस्तों की

उसने मुझे कुल मिलाकर 55 मिनट तक चोदा | जो एक नए लड़के के लिए बहुत ज्यादा होता है | उस दिन मुझे दिनभर ऐसा लगता रहा जैसे उसका लंड अभी भी मेरी गांड के अंदर समाया हुआ हो | विशाल से चुदकर मुझे पूरी संतुष्टि मिल गई थी | विशाल ने मुझे बहुत देर तक चोदा भी था और चोदने से पहले उसने मेरे साथ प्यार (foreplay) भी किया था |

वह उठा और बाथरूम में चला गया मैं बिस्तर पर उसी हालत में पड़ा रहा | वह बाथरूम से निकला उसने मुझसे कहा कि कपड़े पहन ले | मैं बाथरूम गया वापिस आया तब तक उसने यूनिफार्म फिर से पहन ली थी और जूते पहन रहा था |

वह मुझसे बोला कि “किसी को बोलना मत” कॉलेज से वापस आते समय फिर से मिलकर जाएगा | मैंने कहा ठीक है और वह चला गया | उस दिन शाम को कॉलेज से वापस लौट कर एक बार फिर उसने मेरी चुदई की | फिर अगले दिन मेरा रूम पाटनर आ गया और हमे फिर से मिलने में परेशानी होने लगी |

उसके बाद हमें जब भी मौका मिलता हम एक दूसरे से जरूर मिलते | आपको यह कहानी कैसे लगी बेहिचक मुझे [email protected] पर ईमेल करें ।

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