Hindi Gay Kahani – शनिवार की शाम

Hindi Gay Kahani – शनिवार की शाम

पिछले शनिवार Indian Gay sex पर मिले मेसेज और फिर फोन पर हई बात के बाद मे सरिता विहार के बस स्टॉप पर पहुंचा. वहां मोटर साईकिल पर आये सज्जन के साथ मे उनके घर पहुंचा. रस्ते में पता चला की उनकी फैमिली किसी शादी में गई हई hai. घर काफी सजा हुआ था. उसकी उम्र लगभग मेरे जैसी ही लग रही थी. फोन पर तय हुए अनुसार मैंने पहले ही बता दिया था की सवारी के खर्च उसे पे करने पड़ेंगे. मै पूरी तरह से शुद्ध बोत्टोम हूँ और पहले हुई बात के मुताबिक वो सज्जन अपना चुस्वाना चाहते थे. जबकि मैंने पहले ही बता दिया था की मुझे केवल गांड मराने मे रूचि hai . खैर घर पहुँचने के बाद उसने अपने कपडे उतारने शुरू किये. मैंने भी अपनी कच्छी छोडकर सारे कपडे उतार डाले. मेरा बदन नंगा देखकर उनका खड़ा हो गया था. ज्यादा बड़ा नहीं था ६ इंच का होगा. मेरे पतले और सेक्सी जिस्म को देखकर उसने मुझे मसलना शुर कर दिया. उसका उतावलापन देखकर मे भी मजे लेने लगा. तभी वो मेरे सामने आ गया और मेरे मुंह के सामने अपना खड़ा लंड हिलाते हुए चूसने को कहने लगा. मैंने मना कर दिया.

चलो कोई बात नहीं – यह कहते हुए वो अलग हटकर एक अलमारी के सामने चले गए और उसमे से बोतल और गिलास लाकर मुझसे पुछा – तुम लोगे?

शाम का समय था तो मैंने हाँ कह दिया. उसने दो गिलास में डाली. हमने पीनी शुरू कर दी थी. थोड़ी देर में ही मेरा सर घूमना शुरू हो गया था. धीरे धीरे हम ३ पैग पि गए थे. अगला पैग उसने थोडा ज्यादा भर दिया जिसे पीते ही मुझे पूरा नशा होने लगा था. तभी उसने मुझे खीचकर अपनी गोद में बैठा लिया और मुझे चूमना शुरू कर दिया. उसका लंड मेरे चूतडों पर दबा जा रहा था. उसके बाद हम दोनों ही खड़े हो गए और खड़े खड़े ही आपस में चूमा चट्टी करने लगे. मेरे कदम बहक रहे थे. नशा पूरी तरह हावी हो गया था. उसने मुझे निचे बैठा दिया और फिर मेरे सामने अपना लंड घुमाकर मेरे होंठो को खोलकर लंड को मुंह में डालने लगा. मैंने अपना मुंह हटाया तो उसने मेरा सर पकडकर दुसरे हाथ से मेरे गाल दबाकर मुंह को खोल दिया और अपना सुपाडा मेरे मुंह के अंदर कर दिया. मैंने मुंह हट्टाने की कोशिश की लेकिन उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और फिर अपना करीब आधा लंड मेरे मुंह मै घुसा दिया. उसके बाद वो ठीक मेरे सामने आ गया और मेरा सर दोनों हाथों से पकडकर मेरे मुंह को चोदने लगा. उसका पूरा लंड अब मेरे मुंह के अंदर था और मेरे गले से खों-खों की आवाज निकल रही थी. मस्ती में उसने मेरे मुंह में जमकर चोदा. मैंने कभी मुंह मै नहीं लिया था. मुझे बड़ा अजीब सा लग रहा था. जबकि वो लंड को मुंह में रगड़े जा रहा था. और फिर अचानक उसने झाड़ना शुरू कर दिया. कुछ मेरे मुंह के अंदर और कुछ बाहर उसका माल झाडा.. मैंने अपना मुंह हत्ताकर साफ़ किया और हाथो से उसका लंड पकडकर मरोड़ दिया. वो हंसने लगा. वहा से हटकर उसने एक पैग और पिया. मुझे तो पहले ही नशा हो गया था.

वहा से हटकर उसने टीवी चालू कर दिया और फिर बेड पर लेटकर मुझे उपर खिंच लिया. फिर से चालू हो गया था. मुझसे लिपटकर बार बार चुम्मा चाटी करते हुए फिर से उसने हँसते हुए मेरे मुंह के सामने अपना खड़ा लंड घुमाया. अबकी बार मैंने उसकी पकड़ से छूटकर मुंह को घुमा लिया. उसने फीचे से मुझे पकडकर अपने से सटा लिया. और फिर मेरे गांड मैं अपना लंड रगड़ने लगा. यही में भी चाहता था तो अपनी गांड को उसके लंड पर टिका दिया. उसने दोनों हांथों से मेरे कुल्हे पकडकर अपना सुपाडा मेरी गांड पर रखा. में घुटनों के बल बैठ गया और अपनी गांड उपर उठाकर उसके सामने कर दी. उसने खड़े होकर और हाथ से अपना लंड पकडकर मेरी गांड में घुसा दिया. दर्द से मेरी चीख निकल गई. मैंने गांड हटाने की कोशिश की मगर उसने नहीं छोडा और कसकर मुझे पकड़ लिया और जोर लगाकर मेरी गांड में लंड उतरने लगा. दर्द से में मरा जा रहा था जबकि वो मुझे पेलने को उतावला हो रहा था. आधे से ज्यादा लंड मेरी गांड में घुस चूका था. और फिर तो जैसे कमाल हो गया – उसका लंड अब लगभग पूरा अंदर जा चूका था. अंदर घुस जाने के कारन मुझे भी दर्द में राहत लग रही थी. मै अब पट लेट गया था. वो मेरे उपर बिछा हुआ था. उसकी मस्ती भी अब बदने लगी थी सो उसने धीरे धीरे धक्के मरने शुर कर दिए. मुझे फिर से दर्द होना धुरु हो गया था और मेरे मुंह से सिस्कारिया निकल रही थी. उसके बाद तो न जाने क्या हुआ उसने ढाका धक् मेरी गांड मारनी शुरू कर दी. मै दर्द के मरे चिल्ला रहा था और वो मेरी गांड मारे जा रहा था. एक एक पल मुझे घंटा जैसा लग रहा था पर वो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था. करीब १० मिनट तक वो मेरी गांड रगड़ता रहा. और आखिर मेरी गांड में ही उसने अपना सारा माल छोड़ दिया.

उसके हटने के बाद में अपनी गांड पकडकर सहलाने लगा. दर्द से मेरी फटी जा रही थी. पूरी तरह संतुष्ट होकर वो खड़ा हो गया था. मेरी हालत ख़राब हो रही थी. मैंने बाथरूम पुछा और भागकर वहा पहुंचा. अच्छी तरह साफ करके मै वापस आया और अपने कपडे पहने लगा. उसने कहा एक बार और हो जाये मगर दर्द ने मेरी गांड फाड़ दी थी अतः मै फिर कभी कहकर वापस हो लिया.

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