हिंदी सम्भोग कहानी जवान समलैंगिक दोस्तों की: 3

Fucking horny men having crazy gay sex fun

गे सम्भोग कहानी: पिछले भाग में आपने पढ़ा की कैसे मुझे आकाश और प्रशांत से आशु की सच्चाई पता चली। अब आगे।

कहानी का पहला अध्याय यहाँ पढ़ें!

कहते हैं न की प्यार में इंसान अँधा हो जाता है मेरे साथ कुछ ऐसा ही हो रहा था मैं सब जानकार भी ये मानने को तैयार नहीं था की मेरा प्यार ऐसा हो सकता है।

ऐसे ही २ महीने बीते और मैं एक बार फिर पहुंच गया आशु से मिलने, उसे बिना बताये सरप्राइज देने! मुझे देख कर आंटी जहाँ बहुत खुश थीं वहीँ आशु खुश भी था और परेशान भी…

मुझे चाय नाश्ता देकर आंटी रोज़ की तरह अपनी महिला मण्डली के साथ कीर्तन के लिए चली गयी जो की उनका रोज़ का ३-४ घंटे का काम था और थोड़ी ही देर में2 लड़के आशु से मिलने आये और तभी अचानक आकाश भी आया और मुझे अपने साथ मार्किट ले गया क्युकी आशु के पास गेस्ट थे तो वो जा नहीं सकता था।

क्युकी अब मुझे आशु पर थोड़ा शक था तो मेने आकाश से सीधा पूछ लिया की चक्कर क्या है ? तू अकेला भी तो जा सकता था मुझे क्यों लेकर आया साथ ?

इस बार आकाश ने साफ़ बोला की ऐसा करने के लिए आशु ने बोला था क्युकी वो दोनों लड़के वहां सेक्स डेट के लिए आये थे और मैं बिना बताये वहां धमका था तो आशु ने डेट कैंसिल करने की जगह ये प्लान किया।

मुझे एक पल को तो लगा की अभी यहीं से बस लेकर अपने घर वापस चला जाऊ पर अभी तो दिल और तुड़वाना बाकी था इसीलिए मैं उसी समय वहीं से वापस आशु के घर चला गया।

जैसी उम्मीद थी आशु ने जब गेट खोला तो वो सिर्फ शॉर्ट्स में था, मुझे देख कर वो घबरा सा गया,
आशु- आप अचानक वापस कैसे? आप तो आकाश को शॉपिंग में हेल्प करने गए थे?

मैं- मुझे पेट दर्द होने लगा तो मैं फ्रेश होने वापस आ गया पर तू आधा नंगा क्या कर रहा है??
आशु- वो कपड़ो पर चाय गिर गयी थोड़ी गरम थी बस जल्दी से नहा के आया।

मैं- ओह ओके , जला तो नहीं?
आशु- अरे नहीं नहीं।

मैं आशु के कमरे की और गया वाशरूम यूज़ करने तो आधे खुले दरवाजे से देखा की वो दोनों बन्दे जल्दी जल्दी कपडे पहन रहे थे मैं अंदर जाता उससे पहले ही आशु ने आवाज दी।

आशु- आप बहार वाला वाशरूम यूज़ कर लो अंदरवाले में पानी नहीं आ रहा।
मैं- ओके ठीक है।

जब तक मैं बाहर आया वो दोनों लड़के चले गए थे पर आशु अब भी सिर्फ शॉर्ट्स में था।
मैं- क्या हुआ ? कपडे क्यों नहीं पहने ?

आशु- आप और मैं घर में अकेले हैं तो कपडे क्यों? अब तो आपको उतारने है!
मैं- क्यों कुछ अधूरा रह गया ?
आशु- मतलब?

मैं- मतलब तू तो ऐसे बोल रहा है जैसे प्यासा रहा गया हो? कहीं मैं गलत टाइम पर तो नहीं आ गया ???
आशु- क्या बोल रहे हो आप, कुछ भी ???
मैं- अरे मजाक कर रहा था।।
आशु- वैसे प्यासा तो हूँ, इतना कहकर उसने आँख मारे और मुझे किश करने लगा!

आज मुझे उसकी किश से घिन आ रही थी, आशु ने मेरी जीन्स उतार कर मेरे लंड को मुँह में भर लिया और चूसने लगा पर मुझे कुछ एहसास ही नहीं हो रहा था!

आशु- क्या हुआ ? ये खड़ा क्यों नहीं हो रहा ?
मैं- शायद थका हुआ हु सफर से!

आशु- हम्म्म , ठीक है आप आराम करो रात पड़ी है पूरी ,,,हाहाहा
रात को मैं आंटी के साथ देर रात तक बातें करता रहा , आशु कहता रहा सोने के लिए पर मुझे पता था की उसका मतलब इसीलिए मैंने ताल दिया।

अगले दिन आशु कहीं बाहर गया और २ घंटे में वापस आया तब तक आंटी कीर्तन में जा चुकी थी तो उसके आते ही मेने यूज़ दबोच लिया ,
आशु इसके लिए तैयार नहीं था तो खुद को छुड़ाने की कोशिस करने लगा।

आशु- अरे जान रुको तो,, फ्रेश तो होने दो
मैं- बेबी तू तो हमेशा ही फ्रेश होता है!

गे सम्भोग कहानी मेरे दोस्त के साथ जोरदार चुदाई की

आशु- ओह हो , पसीने की स्मेल आएगी रुको नहा क आता हूँ।
मैं- कोई बात नहीं , तुझे तो वैसे भी डर्टी एंड किंकी पसंद है न तो आज ऐसे ही करते हैं।

आशु बहुत कोशिस करता रहा पर मेने उसकी एक न सुनी।।

मैंने उसके कपडे वहीँ उतार कर उसे दीवान बीएड पर गिरा दिया और उसे पागलो भी तरह चूमने लगा, अब आशु भी थोड़ा बहकने लगा और मेरा लंड चूसने लगा।

जैसे ही मेरा लंड खड़ा हुआ मेने आशु को पलट दिया और उसका अंडरवियर उतार कर सीधा उसकी गांड में लंड पेल दिया।

जैसा उम्मीद थी, आशु की गांड थोड़ी देर पहले हुई चुदाई से खुली हुई और गीली थी तो बिना मशक्कत और चिकनाई लगाए लंड एक बार में अंदर घुश गया…

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